
दिल्ली की कृति सेनन को हिंदी सिनेमा में आए हुए अभी तीन साल ही हुए हैं और सफलता उनके कदम चूमन लगी है. कम बजट वाली बरेली की बर्फी ने धुआंधार कमाई की और बिट्टी मिश्रा सबकी जुबां पर चढ़ गई. इस साल उनकी लुका छुपी और हाउसफुल-4 ने तो रिकार्डतोड़ बिजनेस किया है. बिना गॉडफादर और अपने अभिनय के बल पर सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाली कृति अभी स्टार की तरह नखरें नहीं दिखा रही हैं. वे कहती हैं, 'इन सफलताओं की वजह से मैं अपने सर पर किसी तरह का प्रेशर लेना नहीं चाहती. क्योंकि, मुझे मालूम है कि हर फिल्म की अपनी जिंदगी होती है और उसी से उसकी सफलता भी जुड़ी हुई है. इस साल लुका छुपी और हाउसफुल-4 के बाद अब मेरी पानीपत रिलीज होने जा रही है. यह एक पीरियड फिल्म है और इससे पहले भी कई पीरियड फिल्में रिलीज हो चुकी हैं. इसलिए यह फिल्म मेरे लिए एक चुनौतीपूर्ण है.' कृति एक सामान्य ऐक्टर की तरह बात करती हैं और उन्हें पता है कि अगर उनकी अगली फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आई तो उनके करियर का क्या होगा? वे कहती हैं, 'जब मुझे यह हकीकत पता है कि अच्छी फिल्म को ही सफलता मिलती है तो किसी एक फिल्म की सफलता पर गुमान नहीं करना चाहिए. मैं तो अलग-अलग किरदार से अपने दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए रहना चाहती हूं. और मुझे पूरा भरोसा है कि पानीपत में पार्वती बाई के रूप में मुझे सबका प्यार मिलेगा.'
साउथ से आकर हिंदी सिनेमा में अपनी जगह बनाने वाली कृति कहती हैं, 'मैं हर तरह का किरदार करना चाहती हूं ताकि मुझे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिले. इसलिए मैंने पार्वती बाई का कैरेक्टर चुना. इस कैरेक्टर में कई आयाम हैं.' वे बताती हैं कि इतिहास में पार्वती बाई के बारे में बहुत कम लिखा हुआ है. पार्वती बाई कैरेक्टर को आशुतोष गोवारिकर ने गढ़ा है. इस हिसाब से वो मेरे हिस्ट्री बुक हैं. वो इस फिल्म के डाइरेक्टर हैं. बकौल कृति, 'पार्वती बाई ब्राह्मण थीं और उन्होंने मराठा योद्धा सदाशिव राव से शादी की थीं. शादी के बाद पार्वती बाई ने राजघराने का जीवन अपनाया था. पार्वती बाई उस जमाने में नारीवादी महिला थीं और वह महिला और पुरूष में समानता की बात करती थीं.' कृति का मानना है कि उनके लिए पार्वती बाई का कैरेक्टर करना आसान इसलिए हो गया था कि हमदोनों के विचारों में काफी मेल है. इससे उनके हर रूप को पर्दे पर उतारने में आसानी हुई. लेकिन पार्वती बाई और मुझमें एक अंतर यह है कि उनकी तरह मैं खुलकर प्यार का इजहार नहीं कर सकती. अब तक हलके-फुलके, हंसाने और सामाजिक फिल्में करने वाली कृति ने पार्वती बाई के लिए केतकी से मराठी बोलना सीखा है. उनका मानना है कि हर महिला एक ही तरह की होती हैं. लेकिन भाषा की वजह से उनका बॉडी लैंग्वेज बदल जाता है. यही वजह है कि मराठी भाषा पर ज्यादा जोर दिया.
बकौल कृति, 'आशुतोष गोवारिकर पीरियड फिल्मों के मास्टर हैं. उन्होंने जोधा अकबर बनाई जो श्रेष्ठ फिल्म है. उनकी पीरियड फिल्म के कैरेक्टर समकालीन होते हैं. खासकर महिला कैरेक्टर पर वो बहुत मेहनत करते हैं और उन्हें काफी मजबूत पक्ष के तौर पर पेश भी करते हैं. जोधा के बाद पार्वती बाई का कैरेक्टर भी हर किसी को प्रभावित करेगा.' आशुतोष डाइरेक्टर से पहले ऐक्टर भी रहे हैं तो ऐसे में उनके साथ काम करने में कितनी सहूलियत हुई? इस पर कृति अपना अनुभव साझा करते हुए कहती हैं कि आशुतोष इमोशन को ऐक्टर की तरह ही बाहर लाते हैं. वो गजब के डाइरेक्टर हैं. कूल रहते हैं और कभी भी ऐक्टर के सामने सकारात्मक ही रहते हैं. इससे ऐक्टर हमेशा सहज रहता है. एक और बात यह कि जब उन्होंने मुझे पार्वती बाई के रूप में चुना तो मुझे लगा कि आखिर क्यों मुझे इस कैरेक्टर के लिए साइन किया. शूटिंग के दौरान स्पष्ट हो गया कि उनकी पारखी नजर कितनी मजबूत है. इस फिल्म में सदाशिव राव की भूमिका में अर्जुन कपूर हैं तो गोपिका बाई के रोल में पद्मिनी कोल्हापुरे के साथ उनका सास-बहू वाला रिश्ता है. कृति सीनियर ऐक्टर जीनत अमान के सामने नर्वस थीं जो सकीना बेगम के किरदार में हैं. लेकिन शूटिंग के दौरान जीनत ने उन्हें काफी सहज रखा.
फिल्म में मस्तानी को लेकर कृति के बोले गए एक संवाद पर विवाद भी खड़ा हो गया है. इस पर कृति सफाई देती हैं कि ट्रेलर में यह सीन और संवाद पूरे नहीं हैं. इससे लोगों को गलतफहमी हो रही है. पूरी फिल्म देखने के बाद यह गलतफहमी मिट जाएगी. कृति की इस फिल्म के साथ एक और फिल्म पति पत्नी और वो भी रिलीज हो रही है जिसमें वो गेस्ट एपियरेंस में हैं. इस वजह से वो इस फिल्म के बारे में बात करने से बचती हैं. कृति में ऐक्टिंग की भूख जबर्दस्त है और वो हर तरह का कैरेक्टर करना चाहती हैं. उनको अभी किसी बायोपिक के लिए ऑफर नहीं मिला है. लेकिन वो मधुबाला, मीना कुमारी और इंदिरा गांधी को जीना चाहती हैं क्योंकि उनकी जिंदगी की कहानी किसी भी महिला से अलग है. कृति अपनी आने वाली एक फिल्म मिमी का जिक्र करने से नहीं चूकती हैं. उनका कहना है कि यह फिल्म उनके दिल के करीब है और वो ऐसी और फिल्में करना चाहेंगी.
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