
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में पांच मजदूरों की हत्या की वारदात को पाकिस्तानी परस्त खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने मिलकर अंजाम दिया था. इन मजदूरों की हत्या के मास्टरमाइंड की पहचान एजाज मलिक के रूप में हुई है. हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी एजाज मलिक ने इस हत्याकांड की साजिश रची थी. हालांकि कुलगाम में मजदूरों की हत्या से पहले सुरक्षा बलों ने एजाज मलिक को ढेर कर दिया था.
इस हत्याकांड में हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी भी शामिल रहे. कुपवाड़ा पुलिस ने आतंकी एजाज मलिक के शव की पहचान की. ट्रक ड्राइवर नारायण दत्त की हत्या के बाद एजाज मलिक की पहचान की गई थी. उसने ही ट्रक ड्राइवर की हत्या को अंजाम दिया था. सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने से पहले एजाज मलिक ने ही मजदूरों की हत्या की साजिश रची थी.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने पांच मजदूरों की हत्या उस समय की, जब 23 यूरोपीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के दौरे पर श्रीनगर पहुंचा था. इस हमले के लिए सरकार ने पाकिस्तान परस्त आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था. इस हत्याकांड के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया था.
कौन थे कुलगाम में मारे गए मजदूर?
कुलगाम में आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों की पहचान कमीरुद्दीन, मुर्सलीम, रफीक, नईमुद्दीन और रफीकुल के रूप में हुई है. ये पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और रोजी-रोटी कमाने के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे. दिवाली के दो दिन बाद ही आतंकवादियों ने इन गरीब मजदूरों के खून की होली खेल डाली थी. आतंकियों ने मजदूरों को लाइन में खड़ा करके अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी. जिन 6 मजदूरों को आतंकवादियों ने अगवा किया था, उनमें से सिर्फ एक जहीरुद्दीन जिंदा बचा है.