
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अब राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का साथ मिला है. लालू ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है तथा पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग रखी है.
लालू ने ट्विटर पर लिखा, 'प्रधानमंत्री अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर स्पष्टीकरण दें तथा सुप्रीम कोर्ट के जज से इस भ्रष्टाचार की जांच कराए और चुप्पी नहीं साधे.'
'राहुल का आरोप लगाना मामूली बात नहीं'
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीर बताते हुए लालू ने कहा कि जिस तरीके से कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गुजरात की धरती पर प्रधानमंत्री के ऊपर 40 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, यह कोई मामूली बात नहीं है. लालू ने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी ने गुजरात में छाती पर चढ़कर तथ्यों के साथ प्रधानमंत्री पर 40 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. यह मामूली बात नहीं है.'
'फकीर कुछ छुपाते नहीं'
लालू ने आगे प्रधानमंत्री मोदी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर तंज कसते हुए कहा कि फकीर कभी कुछ छुपाया नहीं करते और पारदर्शी जीवन जीते हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी पर भाषण देते हुए अपने आप को फकीर कहा था. लालू ने कहा, 'फकीर कभी कुछ नहीं छुपाते, पारदर्शी जीवन जीते हैं. फकीर साहब 40 करोड़ का हिसाब किताब बताएं अन्यथा फकीर और फकीरी से दुनिया का विश्वास उठ जाएगा.'
'विदेशों में भारत की छवि हो रही खराब'
लालू इतने पर ही नहीं रुके और आगे पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि अपने आप को तथाकथित ईमानदार बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार के लगे आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए क्योंकि विदेशों में भारत की छवि से खराब हो रही है. लालू बोले, 'तथाकथित ईमानदार प्रधानमंत्री पर कोई गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए और वह चुप रहे. विदेशों में भारत की छवि खराब हो रही है.'
राहुल ने पीएम पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
गौरतलब है कि बुधवार को गुजरात के मेहसाणा में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने एक बड़े उद्योगपति से 40 करोड़ रिश्वत ली थी.