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24 घंटे में लालू फैमिली पर दूसरी रेड, जानें किस पर क्या-क्या लगे हैं आरोप

बेनामी संपत्ति, रेलवे ठेकों में गड़बड़ी और करोड़ों के गिफ्ट को लेकर आरोपों में घिरे आरजेडी चीफ लालू यादव के घर पर सीबीआई छापे के 24 घंटे के अंदर दूसरा छापा पड़ा है. इस बार ईडी ने लालू की बेटी मीसा और दामाद शैलेष के ठिकानों पर दिल्ली में छापेमारी की है. ये छापेमारी काले धन को व्हाईट कराने के मामले में हुई है.

आरोपों में घिरी लालू की फैमिली आरोपों में घिरी लालू की फैमिली
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

बेनामी संपत्ति, रेलवे ठेकों में गड़बड़ी और करोड़ों के गिफ्ट को लेकर आरोपों में घिरे आरजेडी चीफ लालू यादव के घर पर सीबीआई छापे के 24 घंटे के अंदर दूसरा छापा पड़ा है. इस बार ईडी ने लालू की बेटी मीसा और दामाद शैलेष के ठिकानों पर दिल्ली में छापेमारी की है. ये छापेमारी काले धन को व्हाईट कराने के मामले में हुई है. लालू ने कल छापेमारी को उनके खिलाफ सियासी साजिश बताया था और सीधे पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा था. आइए जानते हैं किन आरोपों में घिरा है लालू का कुनबा. किस पर क्या है आरोप...

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मीसा और शैलेश पर आरोपों की कहानी

लालू की बेटी मीसा और उनके पति शैलेश पर आरोप मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी की छापेमारी की गई है. दरअसल 8000 करोड़ की ब्लैकमनी को व्हाइट कराने के मामले की जांच चल रही है, जिसमें कई लोगों द्वारा शैल कंपनियो के जरिए कालेधन को सफेद करने के आरोप हैं.

शैल कंपनियों के जरिए पैसा इधर से उधर

मीसा और शैलेश की कंपनी है मिशेल. आरोपों के मुताबिक इसी कंपनी में चार शैल कंपनियों के जरिए पैसा आया था. इसी पैसे से दिल्ली में  फार्म हाऊस खरीदा गया था. ईडी इस मामले में शैल कंपनी के मालिक जैन बंधुओं और शैलेश के सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुका है. उन्हीं के खुलासे से मीसा के बारे में पता चला था.

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जैन बंधु से पूछताछ में खुलासा

जैन भाइयों का काम बेहिसाब पैसे को बैंकिंग चैनल के जरिए ट्रांजैक्शन करके वैध बनाना था और इसके बाद इसे वैध प्रीमियम शेयर के रूप में छिपाना था. इन सब मामलों में मध्यस्थता करने वाला व्यक्ति पैसे लेकर आता था. जैन भाई कैश को लेकर अपने आदमियों के जरिए इसे लाभ प्राप्त करने वाली कंपनी में शेयर प्रीमियम ट्रांजैक्शन के रूप में दिखाते. इस पूरी प्रक्रिया में जैन भाइयों को बेहिसाब पैसे का एक बड़ा हिस्सा मिलता.

हो चुकी है पूछताछ

बता दें कि मई महीने में ईडी ने लालू यादव की बेटी मीसा भारती की कंपनी से जुड़े एक चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया. इन पर 8 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग का आरोप है.मीसा और उनके पति शैलेश से आयकर विभाग पहले भी पूछताछ कर चुका है. इससे पहले 16 मई को इनकम टैक्स ने लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापे बेनामी संपत्ति के मामले में मारे गए. इनकम टैक्स विभाग ने दिल्ली, गुड़गांव के इलाकों में छापेमारी की थी, इस दौरान लगभग 1000 करोड़ की संपत्ति पर छापेमारी की गई.

जानें लालू-राबड़ी-तेजस्वी पर क्या हैं आरोप

शुक्रवार को सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी के यहां छापेमारी की. लालू के रेलमंत्री रहते हुए वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में एफआईआर कर सीबीआई ने छापेमारी की. सीबीआई ने इस मामले में भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज करते हुए पटना में सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास सहित पटना, रांची, गुरुग्राम और भुवनेश्वर में 12 जगहों पर छापेमारी की.लालू के खिलाफ आरोपों की जड़ें 2001 से जुड़ी हुई हैं. जो तत्कालीन एनडीए सरकार के उस फैसले तक जाती हैं जब उसने रेलवे के होटलों की कैटरिंग सेवाओं का प्रबंधन आईआरसीटीसी को सौंपने का फैसला किया था. रेलवे बोर्ड ने 2001 में फैसला लिया कि कैटरिंग सर्विस और रांची तथा पुरी स्थित रेलवे के होटल बीएनआर का संचालन भारतीय रेलवे से लेकर आईआरसीटीसी को दे दिया जाएगा.

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इसके ठीक बाद जब 2004 में लालू रेलमंत्री बने, तो उन्होंने सुजाता होटल्स के मलिक हर्ष और विनय कोचर, लालू यादव के करीबी पीसी गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर आपराधिक साजिश रची.इन लोगों ने साजिश के तहत  होटलों पर अधिकार पाने के लिए पूरी योजना बनाई और एक साथ ही कई काम हुए. सीबीआई के मुताबिक, इसी साजिश के तहत विनय कोचर ने 25 फरवरी, 2005 को पटना में तीन एकड़ की प्राइम लैंड महज 1.47 करोड़ रुपये में डिलाइट मार्केटिंग को बेच दी, जो कि सर्किल रेट से काफी कम थी. प्राथमिकी में कहा गया है कि इस कंपनी का मालिकाना हक प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के पास था, लेकिन हकीकत में यह लालू यादव की ही बेनामी कंपनी थी

IRCTC के टेंडर में भी हुई गड़बड़ी

सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे के दिन ही रेलवे बोर्ड ने बीएनआर होटल आईआरसीटीसी को सौंपने का ऐलान किया और फिर दोनों होटलों का प्रबंधन कोचर बंधुओं की कंपनी को सौंप दिया गया. इसके लिए जो टेंडर निकाला गया वह भी गलत था और उसमें साजिश की गई. सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल ने भी कथित रूप से धांधली की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि टेंडर की शर्तों में फेरबदल की गई, ताकि इस टेंडर के लिए सुजाता होटल को एकमात्र दावेदार बनाया जा सके.  यहां दोनों होटलों के लिए 15 से ज्यादा टेंडर दस्तावेज हासिल किए गए, लेकिन सुजाता होटल के अलावा किसी दूसरी कंपनी का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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लालू के परिवार को यूं हुआ फायदा

सीबीआई के मुताबिक, रेलमंत्री के तौर पर लालू ने टेंडर प्रक्रिया पर नजर रखी. सीबीआई ने दावा किया कि साल 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग का मालिकाना हक भी सरला गुप्ता से लारा प्रोजेक्ट्स के हाथों में चला गया, जिसका स्वामित्व राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास है. एफआईआर में कहा गया है कि इस सौदे के वक्त लालू रेलमंत्री नहीं थे. वहीं पटना की उस जमीन की कीमत भी तब तक सर्किल रेट के अनुसार बढ़कर 32.5 करोड़ रुपये हो गई. सीबीआई का आरोप है कि पीसी गुप्ता के परिवार के सदस्यों ने 32.5 करोड़ रुपये नेटवर्थ की कंपनी का शेयर मात्र 65 लाख रुपये के मामूली दाम पर लालू प्रसाद यादव के परिवार को ट्रांसफर कर दिया.

लगी हैं ये धाराएं

सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, लारा प्रोजेक्ट्स और आईआरसीटीसी के पूर्व महानिदेशक पीके गोयल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (साझा साजिश यानी कॉमन कॉन्सपिरेसी) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (पीसी एक्ट) की धाराओं 13(2) और 13(1) (डी) के तहत एफआईआर दर्ज किया है.

हेमा यादव को एक करोड़ का गिफ्ट!

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लालू फैमिली पर करोड़ो की गिफ्ट को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. इस बारे में बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने कई आरोप लगाए. लालू प्रसाद  यादव की पत्नी और बेटी हेमा यादव को उनके नौकर ललन चौधरी ने 2014 में करीब एक करोड़ रुपये की जमीन दान में दी थी. चौधरी ने पहली बार जनवरी, 2014 में राबड़ी देवी को 2.5 डिसमिल जमीन दान में दी थी. ललन चौधरी बिहार के सिवान​ जिले का निवासी है और लालू के यहां पिछले दो दशक से नौकर है. ललन के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है.

तेजप्रताप यादव को मिली 13 एकड़ जमीन

सुशील मोदी के अनुसार लालू ने मंत्री पद के बदले दबंग विधायक बृज बिहारी सिंह से जमीन ली थी. मुजफ्फरपुर के किशुनपुर स्थित दो भूखंड बृज बिहारी सिंह की पत्नी रमा देवी ने लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव को गिफ्ट किया था. जिस समय तेजप्रताप को जमीन दान की गई थी, उस समय उनकी उम्र महज तीन साल आठ महीने थी. मुजफ्फरपुर के किशनपुर मरवन स्थित 2 प्लॉट कुल 13 एकड़ में है.

प्रेमचंद गुप्ता ने करोड़ों की जमीन यादव परिवार के नाम की

आरोप है कि पटना में जिस ज़मीन पर कथि‍त रूप से लालू परिवार का मॉल बन रहा है, वह उनके बेटों के नाम पर है और पार्टी के सांसद प्रेमचंद गुप्ता ने यह जमीन उनके बेटों के नाम की है. प्रेम गुप्ता की कंपनी इस मॉल की जमीन की मालिक थी और बाद में उसने इसे लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया.

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कांति सिंह और रघुनाथ झा ने मंत्री बनने के लिए दिया उपहार

रघुनाथ झा और कांति सिंह ने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए अपनी जमीन आरजेडी चीफ लालू को उपहार में दे दी थी. सुशील मोदी के आरोपों के अनुसार पटना जिले के दानापुर में करीब 41,400 वर्ग फीट जमीन लालू की पत्नी राबड़ी देवी के नाम लीज पर दी गई. 99 साल के लिए इसका किराया 1250 रुपये महीना तय किया गया.

इसी प्रकार रघुनाथ झा को भी तभी मंत्री बनाया गया, जब उन्होंने लालू प्रसाद के दोनों बेटों के नाम गोपालगंज में तीन मंजिला मकान के साथ 6 कट्ठा 18 धूर जमीन गिफ्ट कर दिया. इनके अलावा राजद नेता प्रभुनाथ यादव, सुधा श्रीवास्तव, अब्दुलबारी सिद्दीकी तथा बादशाह प्रसाद आजाद ने औने-पौने दाम पर जमीन उपहार के रुप में दिया था.

तेजस्वी और तेजप्रताप को चाचा और नाना से मिला उपहार

आरोपों के मुताबिक तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को पटना में एक दोमंजिला पक्का मकान जमीन सहित उपहार स्वरूप अपने चाचा प्रभुनाथ यादव से मिला था.  इसकी कीमत उस वक्त करीब 6 लाख रुपये लगाई गई थी. इस जमीन को 45 महीनों के बाद 2010 में लालू प्रसाद के  दोनों बेटों ने एके इन्फोसिस्टम को 70 लाख रुपये में बेच दिया. इसी तरह तेजस्वी और तेजप्रताप ने अपने नाना से उपहार स्वरूप मिली जमीन को भी इस कंपनी के हाथों बेच दिया.पहले से ही चारा घोटाला मामले में सुनवाई और सजा कता सामना कर रहे लालू पर ये नई मुसीबतें हैं. जांच का दायरा तेजी से बढ़ रहा है. इससे उनके और उनके परिवार का सियासी वजूद भी खतरे में हैं.

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