
चारा घोटाला के देवघर कोषागार मामले में दोषी करार दिए गए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही लालू को 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जबकि जगदीश शर्मा समेत 6 को 7 साल की सजा सुनाई गई है और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है.
लालू समेत सभी दोषियों को हजारीबाग की ओपन जेल में रखा जाएगा. लालू के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि सोमवार को उन्हें कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलेगी. उसे पढ़ने के बाद वो हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील करेंगे.
सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है जिसमें उन्होंने खुद बेगुनाह साबित करने की कोशिश की है, लालू की मानें तो वो सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं, जिसकी सजा उन्हें ये मिल रही है.
सीबीआई कोर्ट ने 90 लाख की निकासी के मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है. लालू यादव को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत सजा दी गई है. 5 लाख का जुर्माना भी भरने को कहा गया है. सजा की मियाद साढ़े तीन साल तय कर सीबीआई कोर्ट ने बेल का रास्ता भी बंद कर दिया. लालू यादव को अब हाईकोर्ट से ही जमानत मिल पाएगी.
विशेष अदालत के जज लालू पर सख्त थे. जज साहब ने कहा कि ये गोपालक हैं. चारा घोटाला किया है, लिहाज़ा हजारीबाग के ओपन जेल में इन्हें रखा जाए ताकि इन्हें अपने गुनाह का एहसास हो सके. लालू यादव ने सजा के बाद ट्वीट किया.
एक युग का अंत हो गया
युग के अंत की शुरुआत तो तभी हो गई थी, जब लालू यादव पर घोटाले का पहला दाग लगा था, और लालू यादव पहली बार जेल की सलाखों के पीछ पहुंचे थे. मगर इस सज़ा के ऐलान के पहले लालू यादव के भीतर बेचैनी थी. दोषी का ठप्पा माथे पर मढ़ा जा चुका था. धुकधुकी बढ़ती जा रही थी कभी बीमारी, कभी शारीरिक लाचारी, कभी मौसम की मार का हवाला देते लालू कोर्ट के सामने लगभग गिड़गिड़ाते रहे. लेकिन अदालत भावनाएं नहीं सबूत के आधार पर चलती हैं, और सबूत कह रहे थे कि लालू यादव जेल में रहेंगे.
अब लालू यादव का राजनीतिक भविष्य भी उनके साथ जेल की दीवारों में कैद है, ऐसे में समर्थकों में हौसला भरने की कोशिश का बीड़ा तेजस्वी ने उठाया. लालू और उनके शुभचिंतक अब हाईकोर्ट पर टकटकी लगाएंगे. लेकिन लालू विरोधियों के लिए नए साल का इससे बेहतर तोहफा कुछ और नहीं हो सकता है. अब बिहार की राजनीति का नया अध्याय क्या होगा, कैसे संभलेगी आरजेडी, क्या जेल के भीतर से लालू यादव अपना रुतबा कायम रख सकेंगे, सब सवालों के घेरे में है.रांची की सीबीआई अदालत से लालू यादव समेत सभी 16 दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया गया. लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सुनवाई में
लालू रहे थे खामोश
शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद पूरी तरह चुप रहे थे. उनके अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि लालू की उम्र 70 वर्ष हो गई है. वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. उन्हें हाईपर टेंशन और डायबिटीज है. 21 सालों से केस लड़ रहे हैं. इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद को कम से कम सजा दी जाए.
वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि लालू राजनीति में सक्रिय हैं. रैलियां और भाषण कर रहे हैं. इसलिए नहीं लगता कि बहुत बीमार हैं. जेल में भी मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध हैं. वह मुख्य आरोपी हैं. इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए.
बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया था.