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लालू ने घोटाले के आरोपों को बताया साजिश, सुशील मोदी को कहा- घोटालेबाज

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को मिट्टी घोटाले के आरोपों पर सफाई दी. लालू यादव ने कहा कि उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव
रोहित कुमार सिंह
  • पटना ,
  • 09 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को मिट्टी घोटाले के आरोपों पर सफाई दी. लालू यादव ने कहा कि उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. लालू ने बिहार के पू्र्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी को ही घोटालेबाज बता डाला. लालू यादव ने कहा कि इस मामले में बिहार सरकार जांच कर रही है. लालू ने कहा कि उनका न्यायिक व्यवस्था में पूरा भरोसा है.

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लालू ने कहा कि उनके खिलाफ गलत तरीके से जो होटल बेचने के आरोप हैं वो भी बेबुनियाद हैं. उन्होंने सफाई दी कि डिलाइट कंपनी 2005 में खरीदी गई जबकि हर्ष कोचल को दो होटल 2007 में लीज पर दिए गए.

क्या है मिट्टी घोटाला ?
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार पर मिट्टी घोटाला करने का आरोप लगाया है. आरोपों के मुताबिक राजधानी पटना में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है. इस मॉल का मालिकाना डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पास है. इस कंपनी में आरजेडी अध्यक्ष के लालू प्रसाद के बड़े बेटे और राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव, छोटे बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी बेटी चंदा यादव डायरेक्टर हैं. आरोपों के मुताबिक इस मॉल का मालिकाना लालू प्रसाद यादव के परिवार के पास है. आरोप है कि मॉल की मिट्टी को पर्यावरण एवं वन विभाग ने टेंडर निकाले बिना ही 90 लाख रुपए में खरीद लिया. इस तरह मोदी के मुताबिक मिट्टी घोटाले का पूरा फायदा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार को मिला.

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लालू की भूमिका पर सवाल!
बीजेपी नेता मोदी के मुताबिक यह वही कंपनी है जिसको लेकर बिहार के वर्तमान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने साल 2008 में आरोप लगाया था. आरोप था कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों को गलत तरीके से होटल सुजाता के हर्ष कोचर को बेच दिया. इसके बदले में कोचर ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को एक ही दिन में दस निबंधन के जरिए पटना में दो एकड़ जमीन हस्तांतरित की थी. यानी इस पूरे मामले में तार कहीं न कहीं लालू प्रसाद यादव से भी जुड़ जाते हैं.

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