
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए मंगलवार को एक के बाद एक हमले किए. लालू ने कहा कि नीतीश कुमार ने आरजेडी को धोखा दिया. बिहार में महागठबंधन तोड़ने और सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच सांठगांठ थी. नीतीश कुमार ने बीजेपी की मदद से मेरे खिलाफ मामले शुरू कराने की साजिश की.
लालू के नीतीश पर पलटवार की 10 बड़ी बातें...
-लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को राजनीति का पलटूराम कहना चाहिए. वह मुझसे चंदन लगवाकर जाते थे, लेकिन राजनीति करने के लिए आज मौका मिलते ही पलटी मार बैठे.
-लालू ने कहा कि नीतीश कुमार मेरे बेटों की बलि देना चाहता था. नीतीश को निशाने पर रखते हुए लालू ने कहा कि वो मास के नहीं, बल्कि एक खास समाज के नेता हैं. यही वजह है कि वो 1994 में हुए कुर्मी सम्मेलन में मेरे खिलाफ राजनीति करने गांधी मैदान गए थे.
-लालू ने कहा कि हमने यूनिवर्सिटी में 1970-71 का छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीते. हमारी लोकप्रियता नीतीश कुमार से पहले की है और हम उनके सीनियर हैं. जेपी आंदोलन के वक्त हम नीतीश जी को आगे लाए. हमने नीतीश को आगे लाने के लिए बहुत कुछ किया.
-लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ गठबंधन करने पर बोला कि मैंने ये कहा था कि नफरत की राजनीति करने वालों को दूर करने के लिए मुझे जहर भी पीना पड़े तो पी लूंगा. मुलायम सिंह जी कहने पर मैंने गठबंधन करने का फैसला लिया और नीतीश खुद चलकर हमारे यहां आए थे.
-लालू ने कहा कि नीतीश बोलते हैं कि मैंने लालू को वोट दिलवाया, लेकिन हकीकत ये है कि वो खुद मेरी मदद से अपने आप को राजनीति में खड़ा कर पाए हैं. मैं खुद वैसी जगह गया जहां सिर्फ और सिर्फ मेरी एंट्री थी ऐसे में नीतीश मुझे कैसे चुनाव जीतवा सकते हैं.
-मैंने नीतीश जी से कहा था हम बूढ़े हो गए, इन बच्चों को एक टर्म दे दीजिए. तेजस्वी यादव ने अच्छा काम किया और नीतीश उसकी लोकप्रियता से घबरा गए. इसी घबराहट के चलते उन्होंने महागठबंधन से अलग हुए हैं.
-नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को कठपुतली मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन जब यह कठपुतली बोलने लगी तो नीतीश कुमार ने उन्हें हटा दिया. मैं नीतीश के राजनीतिक चरित्र को बाखूबी जानता हूं.
-नीतीश कुमार तुम भूल गए कि तुम्हारी हैसियत क्या थी. हम छपरा में 3 लाख से ज्यादा वोट से जीते, उस वक्त तुम छात्र नेता थे. नीतीश दो-दो बार विधानसभा चुनाव हारे और लोकसभा भी हारे. लालू ने कहा कि नीतीश जी तुम चुनाव हारने के बाद मेरे पास हाथ जोड़कर आए थे.
-नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर जानते थे कि वो अकेले चुनाव नहीं जीत सकते हैं. नीतीश जी तुम चुनाव हारने के बाद मेरे पास हाथ जोड़कर आए थे. नीतीश कुमार तुम भूल गए कि तुम्हारी हैसियत क्या थी. नीतीश कुमार सत्ता के लालची रहे हैं. मैंने हमेशा नीतीश कुमार को बचाया है.
-लालू ने कहा कि नीतीश गरीब को अपने घर नहीं आने देते. उन्हें गरीबों से मिलना जुलना पंसद नहीं है. इसीलिए वो कभी गरीबों के नेता नहीं बन सकें.