
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अफवाहों और अपने खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार से तंग आकर राजनीति छोड़ने की धमकी दी है. तेजप्रताप ने एक लंबी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वह किसी दबाव में राजनीति नहीं करना चाहते और अगर उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
पोस्ट के कुछ घंटे बाद ही तेजप्रताप ने इस डिलीट कर दिया और कहा कि बीजेपी ने उनका अकाउंट हैक कर लिया था. तेजप्रताप ने कहा कि बीजेपी उनके परिवार और पार्टी में फूट डालना चाहती है और इसी वजह से उनके पोस्ट के साथ छेड़छाड़ की गई.
तेजप्रताप ने रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर अपने क्षेत्र में Tea With Tejpratap के नाम से कैंपेन शुरू किया है. इसी दौरान उन्हें इलाके के कार्यकर्ताओं से कुछ लोगों के खिलाफ शिकायतें मिलीं. तेजप्रताप ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग उनके खिलाफ गलत अफवाह उड़ा रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.
बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक कुछ लोग उन्हें पागल, सनकी और जोरू का गुलाम तक बताते हैं. अपनी पोस्ट में तेजप्रताप ने ऐसे दो लोगों के नाम भी लिखे हैं जो उन्हें बदनाम कर रहे हैं. इनमें एमएलसी सुबोध राय और ओम प्रकाश यादव का नाम शामिल है. तेजप्रताप ने इन्हें 'आस्तीन का सांप' तक बताया है.
इलाके की जनता और कार्यकर्ताओं के संबोधित करते हुए लिखी गई इस पोस्ट में तेजप्रताप ने जनता से अपील की है कि वह इन लोगों को क्षेत्र से बाहर करें. तेजप्रताप ने लिखा है कि वह अपनी शिकायत लेकर कई बार मां राबड़ी देवी और पिता लालू यादव के पास भी जा चुके हैं लेकिन उनकी मां सुनने को तैयार नहीं बल्कि उल्टे उन्हें डांट लगा देती हैं.
पहले की थी ये पोस्ट
आखिर में तेजप्रताप ने लिखा है कि अगर ऐसा ही माहौल बना रहा तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. वहीं जो लोग उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं आगे वही लोग राजनीति करेंगे.
बता दें कि इससे पहले भी आरजेडी में फूट की खबरें आम हो चुकी हैं. लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप के बीच अनबन की खबरें भी सामने आई थीं. तब तेजस्वी को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताते हुए तेजप्रताप ने कहा था कि वह चाहते हैं अर्जुन को गद्दी सौंपकर खुद द्वारका चले जाएं. हालांकि बाद में दोनों भाइयों ने खटास की खबरों का खंडन कर इसे विपक्ष की साजिश करार दिया था.