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रात भर हुई बारिश की वजह से भूस्खलन से जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, डोडा जिले में एक मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और मलबे में पांच के फंसे होने की आशंका है और माना जा रहा है कि उनकी मौत हो चुकी है.
डोडा जिले में भूस्खलन की चपेट में एक मकान आ गया जिसके मलबे के नीचे एक परिवार के सात लोग दब गए. देर शाम मलबे से दो लोगों के शव निकाले गए. बचाव दल फंसे हुए लोगों की तलाश में जुटा है. डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जावेद नसीब मनहास ने बताया, 'जिले के देस्सा बेल्ट में दिवालकुंड निवासी जोध राम का मकान शुक्रवार को इलाके में भारी बारिश के कारण गिर गया.'
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दुखद घटना पर शोक जताया है और बचाव टीम को मलबे में फंसे बाकी पाचों लोगों को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने का निर्देश दिया है. डोडा के उपायुक्त भूपिंदर कुमार ने बताया कि दो शव निकाल लिए गए. उन्होंने कहा कि अभियान रात भर चलेगा. प्रशासन के साथ सेना, पुलिस और स्थानीय लोग अभियान में जुटे हैं. वहीं, बारामुला जिले के उरी में जमीन खिसकने से दो लोगों के मरने की सूचना है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब्दुल जब्बार वार और मोहम्मद दिलावर मीर मशरूम इकट्ठा करने के लिए उरी तहसील के लिंबर इलाके के जंगल में गए थे. तभी भूस्खलन हुआ. उन्होंने कहा कि वार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. मीर को गंभीर रूप से घायल अवस्था में स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला. उसने अस्पताल जाते वक्त दम तोड़ दिया. रविवार की रात बडगाम जिले के चदूरा इलाके में एक मकान के जमीन में धंसने से दो परिवार के 16 लोग जिंदा दफन हो गए थे.
गाम जिले के 88 गांवों पर भूस्खलन का खतरा
जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले के 88 गांव भूस्खलन के खतरे का सामना कर रहे हैं. जिला विकास आयुक्त मंजूर अहमद लोन ने क्षेत्रीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों की ओर से किये गए सर्वेक्षण के हवाले से कहा, ‘‘जिले के 500 गांवों में से 88 गांव भूस्खलन के खतरे का सामना कर रहे हैं जो कि अधिकतर चदुरा और चरारे शरीफ क्षेत्रों में स्थित हैं.'