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क्या लार्सन एंड टुब्रो करेगी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण?

अयोध्या में भव्य राम मंदिर विश्व हिंदू परिषद के मॉडल पर बनाया जाएगा. वहीं, मंदिर की ड्रॉइंग गुजरात के चंद्रभाई सोमपुरा ने बनाई है. इसके अलावा निर्माण का कार्य कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कराएगी.

 राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक आज (Photo- Aajtak) राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक आज (Photo- Aajtak)
कुमार अभिषेक/बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 29 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

  • वीएचपी मॉडल पर बनेगा राम मंदिर
  • कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कराएगी निर्माण

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर वीएचपी के मॉडल पर ही बनेगा. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने इसकी पुष्टि की है. गुजरात के चंद्रभाई सोमपुरा ने इसकी ड्रॉइंग बनाई है. सूत्रों की मानें तो मंदिर का आर्किटेक्ट उनका रहेगा और निर्माण का कार्य भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कराएगी.

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बताया यह भी जाता है कि कंपनी ने इसके लिए सहमति भी दे दी है. हालांकि, इसके लिए अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट या केंद्र सरकार द्वारा कोई टेंडर नहीं निकाला गया है. ना ही ऐसे किसी पेपर पर कंपनी की तरफ से कोई हस्ताक्षर ही हुए हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि इसके बावजूद राम मंदिर निर्माण के लिए कंपनी और ट्रस्ट के बीच सहमति बन गई है.

नए मॉडल पर विचार तो 25 साल लग जाएंगे: कटियार

यह भी तय हो गया है कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर विहिप के मॉडल पर ही बनेगा. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के साथ-साथ राम मंदिर आंदोलन से अपनी राजनैतिक पारी शुरू करने वाले बीजेपी नेता विनय कटियार का भी कहना है कि किसी नए मॉडल पर मंदिर बनने का विचार होगा तब 25 साल से भी अधिक समय मंदिर बनाने में ही लग जाएगा.

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उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राम मंदिर क्षेत्र में ऐसा दृश्य खड़ा होगा कि वहां आने वाले हर श्रद्धालु को भारतीय संस्कृति का ज्ञान हो. राम मंदिर के परिक्षेत्र में भगवान राम के जीवन चक्र की मूर्ति प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसके लिए राम मंदिर के चारों तरफ राम कुंज का भी निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए अयोध्या के राम कारसेवक पुरम में मूर्तियों का निर्माण भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.

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लार्सन एंड टुब्रो के साथ जाने के पीछे की एक बड़ी वजह यह है कि जिस वक्त मंदिर निर्माण की बात 90 के दशक में चल रही थी, तब अशोक सिंघल ने इस कंपनी से संपर्क साधा था. कानूनी विवादों की वजह से कोई बात आगे नहीं बढ़ी थी, लेकिन अब जब तमाम बाधाएं दूर हो चुकी हैं, तो अब यह माना यह जा रहा है कि कंपनी खुद ही उस बातचीत के आधार पर मंदिर बनाने की इच्छुक है.

नवरात्रि से पहले होंगे रामलला शिफ्ट

नवरात्रि से पहले रामलला को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का कार्य भी शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो मानस भवन के पहले ही जिकजैक प्वॉइंट के समीप रामलला को गर्भ गृह से शिफ्ट किया जाएगा, जिससे दर्शन बिना किसी रुकावट चलता रहे. यह स्थान वर्तमान में रामलला के लिए प्रवेश द्वार के बाद पहले चेकिंग प्वॉइंट के पास है और गर्भगृह से काफी पहले है.

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ट्रस्ट में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र शनिवार को इस स्थान को देखेंगे. साथ ही साथ निर्माण से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेंगे. राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि नवरात्रि में राम लला के लिए विशेष अनुष्ठान कार्यक्रम होता है, जिसके कारण दर्शनार्थियों की भीड़ भी अधिक होती है, इसलिए नवरात्रि के समय रामलला को शिफ्ट करना मुश्किल होगा.

इसलिए रामलला को नवरात्रि से पहले शिफ्ट किया जाना जरूरी है. इसलिए सबसे अधिक जोर अभी रामलला को शिफ्ट करने पर है. इसके लिए चयनित स्थान पर अंतिम मुहर भी शनिवार को नृपेंद्र मिश्र के निरीक्षण के बाद लग जाएगी.

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