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लश्कर ने रची थी PM मोदी पर हमले की साजिश, सांप्रदायिक तनाव था मकसद

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में घुसे लश्कर-ए-तैयबा के लड़ाकों को मिला था हुक्म- या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा पर हमला करो या दिल्ली में किसी बड़े नेता की हत्या कर दो.

लश्कर कमांडर अबू दुजाना लश्कर कमांडर अबू दुजाना
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:49 PM IST

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में घुसे लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों में से जहां एक संदिग्ध की तस्वीर जारी कर दी है, वहीं खुफिया एजेंसियों से मिली इनपुट के मुताबिक, आतंकी संगठन ने अपने लड़कों से साफ शब्दों में कहा है कि या तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा पर हमला करे या दिल्ली में किसी बड़े नेता की हत्या कर दे.

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हालांकि, आईबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने समय रहते आतंकियों के नापाक मंसूबे को पता लगा लिया है और बहुत हद तक इसे नाकाम भी कर दिया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी कि सीमा पार से लश्कर के 4 आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुस आए हैं. बताया जाता है कि पिछले महीने घुसपैठ के बाद ये आतंकी ग्राउंड सपोर्ट के लिए लश्कर के कमांडर अबू दुजाना के संपर्क में थे. इन आतंकियों के मंसूबे को ध्वस्त करने में जम्मू-कश्मीर पुलिस का भी खासा योगदान रहा है.

असफल रहने पर भीड़ को निशाना बनाने की थी योजना
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो कथित आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो इस साजिश का हिस्सा हो सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के बाद उनके इरादों का पता लगाया और उसे विफल किया. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों के पास दो योजनाएं थीं. पहली पीएम मोदी की मौजूदगी के दौरान उनके किसी सभा स्थल पर पेरिस या 26/11 जैसा हमला करना. योजना यह भी थी कि अगर वह पीएम की सुरक्षा को भेदने में नाकाम रहते हैं तो खुद को विस्फोटक से उड़ा लेंगे या भीड़ पर ही ग्रेनेड से हमला कर देंगे.

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हत्या के बहाने सांप्रदायिक तनाव फैलाने का प्लान
पहली योजना के फेल हो जाने पर लश्कर के पास एक प्लान बी भी था. सूत्रों ने बताया कि आतंकियों को दिल्ली में किसी बड़े नेता या किसी बड़ी पर्सनैलिटी की हत्या करनी थी, ताकि राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव फैल जाए. दिल्ली पुलिस की एफआईआर इस बात की पुष्टि‍ करती है कि अपनी बातचीत के दौरान संदिग्ध आतंकियों ने कई बार वीआईपी शब्द का इस्तेमाल किया था.

दुजाना का दिमाग
लश्कर की इन सभी योजनाओं के पीछे संगठन के कमांडर दुजाना का दिमाग था. वो इन वारदात की मदद से अपनी मौजूदगी के बारे में सबको बताना चाहता था. जबकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंक के इस खूनी खेल में लश्कर को आईएसआईएस का पूरा साथ हासिल था. हालांकि, संदिग्धों ने अल कायदा के लोकल विंग के भी इसमें शामिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया है.

दूसरी जगहों पर भी हमले की आशंका
स्पेशल सेल ने लश्कर और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक दिसंबर को एक एफआईआर दर्ज करवाया है. इसमें आतंकी हमलों की तैयारी के पूरे प्लान की चर्चा की गई है. इस केस के आईओ इंस्पेक्टर सतीश राणा ने बताया कि 1 दिसंबर को भरोसेमंद सूत्रों ने जानकारी दी कि लश्कर दिल्ली समेत देश में दूसरी जगहों पर आतंकी हमले की तैयारी में है.

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सूत्रों ने बताया कि इसी आतंकी ग्रुप का एक और आतंकी 24 नवंबर को आईबी और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के ऑपरेशन में पकड़ा गया था. उसकी पहचान शब्बीर अहमद मलिक के रूप में की गई थी. शब्बीर 20 नवंबर से जम्मू में था. वो अमीर आलम गुज्जर नाम के शख्स के बठिंडी (साउथ कश्मीर) स्थित घर में रुका हुआ था. गिरफ्तारी के समय उसके साथ 2 और लोग थे, लेकिन उनकी भूमिका अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है.

रेकी के लिए मिले थे 47 हजार रुपये
इसी दौरान इंस्पेक्टर संजय दत और गोविंद शर्मा के नेतृत्व में एक टीम जम्मू-कश्मीर भेजी गई थी. स्पेशल सेल और दूसरी एजेंसियों ने शब्बीर समेत अन्य से पूछताछ की. एक अधिकारी ने बताया, 'शब्बीर को रेकी करने के लिए 47 हजार रुपये दिए गए थे. उसे और उसके साथियों को दिल्ली या दूसरे शहरों में मुंबई जैसा अटैक करने को कहा गया था. इनकी योजनाओं में ऊधमपुर जैसा अटैक भी शामिल था.'

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