
कालेधन के खिलाफ केन्द्र सरकार की मुहिम में 31 मार्च अहम है. आपके पास यदि अघोषित पैसा जमा है या कालाधन दबा पड़ा है तो शाम तक उसकी सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे दें. खुद से सूचना देने पर आपके ऊपर एक बड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी और उस कालेधन का कुछ अंश आपको मिल भी जाएगा. आपका बाकी कालाधन देश से गरीबी हटाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में डाल दिया जाएगा.
अगर नहीं दी कालेधन की सूचना?
इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि उसके पास आपके सभी डिपॉजिट की पूरी सूचना पहले से उपलब्ध है. कालाधन रखने वालों को उसकी दी गई छूट की अवधि अब से कुछ घंटों में खत्म हो जाएगी. लिहाजा, जिन्होंने इन कुछ घंटों में अपने कालेधन की सूचना नहीं मुहैया कराई है उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली जाएगी.
क्या होगा 1 अप्रैल के बाद
आप यदि अपने पास पड़े कालेधन की सूचना नहीं देते हैं तो इनकम टैक्स विभाग अपने पास उपलब्ध सूचना के आधार पर टैक्स, सरचार्ज और सेस लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा. अकेले ये सभी टैक्स, सरचार्ज और सेस आपके कालेधन का कुल 77.25 फीसदी होगा. इसके ऊपर बची हुई रकम पर जुर्माना भी इनकम टैक्स लगाएगी. इसके अलावा आपको जेल तक भेजने के लिए विभाग कानूनी लड़ाई की शुरुआत कर सकता है.
क्या कहता है कानून
फाइनेंस बिल 2017 के जरिए किए गए बदलाव से इनकम टैक्सक एक्टक में 1 अप्रैल 2017 से नए नियम लागू होंगे. इसका अर्थ है कि किसी भी टैक्स5 भुगतानकर्ता के 2007 तक के अकाउंट बुक्सि को दोबारा खोला जा सकता है. दरअसल ये बदलाव टैक्स में अनियमितता को जांचने के उद्देश्यद से लाया गया है.
कैसे होगी कार्रवाई
सर्च ऑपरेशंस के दौरान यदि टैक्सा अधिकारियों को किसी व्याक्ति की 50 लाख से अधिक अघोषित आय के बारे में पता चला तो उसे नोटिस भेजा जाएगा. यही नहीं, टैक्सघ अधिकारी 10 साल पुराने मामले को भी खोल सकेंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ टैक्स के उल्लंघन की जांच की जा सकती है.
कानून संशोधन का ये होगा असर
इनकम टैक्सन एक्ट में संशोधन के बाद नया कानून टैक्स अधिकारियों को अधिक अधिकार देता है. अब वे अघोषित संपत्ति रखने वाले लोगों के खिलाफ 10 साल तक के मामलों में नोटिस जारी कर सकते हैं, जिससे ऐसे लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी.