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LeakerLocker रैंसमवेयर आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे करें बचाव

'आपके स्मार्टफोन का सभी डेटा हमारे सिक्योर क्लाउड पर ट्रांसफर कर दिया गया है. 72 घंटे के अंदर ये डेटा आपके टेलीफोन और ईमेल कॉन्टैक्ट्स को भेज दिया जाएगा. अगर आप ऐसा नहीं चाहते तो आपको 50 डॉलर की फिरौती देनी होगी'

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST

हाल के कुछ दिनों में रैन्समवेयर अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. रैन्समवेयर एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम है जो सिस्टम को लॉक कर देता है और हैकर्स इसके जरिए फिरौती की मांग करते हैं.

लीकर लॉकर मैलवेयर गूगल प्ले स्टोर के सहारे आपके स्मार्टफोन पर अटैक कर सकता है. यह आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री को किसी दूसरे के साथ शेयर कर सकता है.

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एक बार यह आपके स्मार्टफोन में एंटर कर गया तो आपके फोन के होम स्क्रीन को लॉक कर देगा. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि यह मोबाइल का बैकअप बना लेता है. डेटा सेव करने के बाद यह इसे लीक करने की धमकी देता है और इससे बचने के लिए पैसे यूजर से पैसे की मांग करता है.

सिक्योरिटी फर्म McAfee के मुताबिक वॉलपेपर एचडी और बूस्टर एंड क्लीनर प्रो ऐप्स में इस तरह के संभावित खतरे हैं जिससे आपको शर्मिंदा होना पड़ सकता है.

सिक्योरिटी फर्म ने कहा है, ‘लीकर लॉकर ऐप सभी प्राइवेट डेटा को रीड या लीक नहीं करता है. यह रैन्समवेयर टार्गेट स्मार्टफोन यूजर का ईमेल आईडी, रैंडम कॉन्टैक्ट्स, क्रोम हिस्ट्री, कुछ टेक्स्ट मैसेज और कैमरे से क्लिक की गई तस्वीरों जैसे डेटा पढ़ सकता है’

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रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉलपेपर ब्लर एचडी को 5,000 से 10,000 बार डाउनलोड की गई है और इसकी रेटिंग 3.5 है. क्लीन प्रो को 1,000 से 5,000 डाउनलोड किया गया है जिसकी रेटिंग 4.5 स्टार रेटिंग है.

लीकर लॉकर रैन्समवेयर अटैक के बाद मोबाइल पर ये मैसेज मिलता है.

आपके स्मार्टफोन का सभी डेटा हमारे सिक्योर क्लाउड पर ट्रांसफर कर दिया गया है. 72 घंटे के अंदर ये डेटा आपके टेलीफोन और ईमेल कॉन्टैक्ट्स को भेज दिया जाएगा. अगर आप ऐसा नहीं चाहते तो आपको 50 डॉलर की फिरौती देनी होगी.

ये दोनों खतरनाक ऐप अब गूगल प्ले स्टोर से हटा लिए गए हैं. लेकिन मुमकिन है आने वाले समय में हैकर्स इन कोड को दूसरे ऐप्स में इंजेक्ट करें. इसलिए अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में कोई भी ऐसा ऐप इंस्टॉल करने से बचें जिसका पब्लिशर बिना वेरिफेकेशन के है.

किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने के बाद परमिशन देने से पहले ध्यान दें. क्योंकि कई बार ऐप्स आपसे कैमरा ऐक्सेस का परमिशन ले लेते हैं, जबकि उस ऐप के जरिए आप कैमरे का कुछ काम करते.

 

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