
शाहरुख, आमिर और सलमान खान को बॉलीवुड का बेताज बादशाह माना जाता है. तीनों की अपनी फैन फालोईंग है. जब भी इनकी कोई नई फिल्म आती है तो कमाई के सभी रिकॉर्ड टूट जाते हैं. ऐसा क्या खास है इनकी मार्केटिंग में, आज जानते हैं-
अपने ब्रांड के अनुसार ही परोसते हैं माल
तीनों खानों की खासियत यह है कि ये सभी अपने-अपने ब्रांड के अंतर्गत वही परोसते हैं, जिसके लिए ये जाने जाते हैं. अगर इन्हें लगता है कि स्क्रिप्ट इनके अनुसार नहीं है तो वे इसे चेंज करने से भी पीछे नहीं हटते. उदाहरण के लिए शाहरुख की 'हैप्पी न्यू ईयर' और सलमान की 'एक था टाइगर', आमिर की 'तुम मेरे हो', फिल्मों की खूब आलोचना हुई थी, इसके बावजूद भी इन सभी को कोई भी बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ने से नहीं रोक सका. इनके ब्रांड और फिल्में इस बात का सुबूत हैं कि हर नकामयाबी के बाद इंसान और मजबूत होता है और ये जिस कारण जाने जाते हैं उसे ही लेकर चलते हैं. मार्केटिंग भी यही नियम लागू होता है. आपको अपने उत्पाद की विशेषताओं के बारे में पता होना चाहिए और उसे ही लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
काम को लोगों तक पहुंचाना
जब इनके फिल्म के प्रमोशन की बात आती है तो तीनों पूरी जान लगा देते हैं. चाहे वह प्रमोशनल इवेंट हों या म्यूजिक रिलीज, मैग्जीन कवर आदि हर स्थान पर ये नजर आते हैं. सोशल मीडिया पर भी ये खूब एक्टिव रहते हैं. आमिर तो हमेशा ही फिल्म के प्रमोशन का नया तरीका ढूंढ़ निकालते हैं. वे अपने फैंस के बीच भी पहुंच जाते हैं. इसलिए किसी कंपनी या व्यक्ति को अपने काम को लोगों तक पहुंचाने की कला आनी ही चाहिए.
अपनी शैली पर विश्वास
इन सभी की अपनी-अपनी शैली है. जैसे शाहरुख, युवाओं और मध्यवर्गीय जनता से जोड़ते हुए फिल्में करते हैं. आमिर और सलमान, दोनों ही विश्वासपात्र बनकर लोगों को लुभाते हैं. इन तीनों को ही अपनी ताकत का पता है और यह भी वे किस चीज को भुना सकते हैं. खानों की ही तरह मार्केटिंग वालों को भी अपने उत्पाद पर यकीन रखकर, ग्राहकों से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए.
ध्यान खींचने का प्रयास
जब इन तीनों की कोई फिल्म शुरू होती है तो वह न केवल उनके अभिनय बल्कि प्रोडक्शन क्वालिटी, संपादन और इफेक्टस के भी जानी जाती है. आपने पढ़ा ही होगा कि शाहरुख फिल्म 'फैन' के लिए 6 घंटे तक मेकअप कराते थे. इसी तरह आमिर भी अपनी फिल्मों के हर किरदार को खुद घंटो बैठकर चुनते हैं. इसी तरह ब्रांड्स को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने ग्राहकों की उम्मीदों पर खरे उतरें और लोगों से मिलते भी रहें.
देश के सबसे बड़े एंटरटेनर्स होने के अलावा तीनों खान के हर पल कुछ नया करने, जोखिम उठाने की कला से सभी को कुछ ना कुछ सीखना चाहिए.