
दिल्ली से तकरीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कलेसर नेशनल पार्क से एक तेंदुआ यमुना के किनारे होता हुआ राजधानी में मौजूद यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में आ गया है. तेंदुए का वीडियो भी बनाया गया है और इसमें तेंदुए की हरकतों को आसानी से देखा जा सकता है. बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए के आने पर देश के जाने-माने बायोडायवर्सिटी एक्सपर्ट प्रोफेसर सीआर बाबू काफी उत्साहित है. उनके लिए मौका खास इसलिए है क्योंकि 2004 से यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क पर काम शुरू हुआ था और अब यहां पर हर तरह की वनस्पति मौजूद है. पार्क में सैलानी परिंदे भी आते हैं. यहां पर जंगली खरगोश है, नेवले हैं, कोबरा है, जंगली बिल्ली है और नीलगाय है. लेकिन इन सबके ऊपर की श्रेणी वाला जानवर नहीं था, लेकिन यह कमी कलेसर नेशनल पार्क से खुद चलकर आए इस तेंदुए ने पूरी कर दी है.
भले ही प्रोफेसर बाबू काफी खुश हों, लेकिन यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज डॉ. फैयाज खुदसर इसे थोड़ा चिंतित जरूर है. वजह है की तेंदुए के आने की खबर इस इलाके के गांव और शहरी हिस्से में पहुंच चुकी है. लिहाजा स्थानीय प्रशासन इसको लेकर चिंतित है. यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ पिछले 15 दिनों से डेरा डाले हुए हैं और यह यहां पर आराम से रुका हुआ है. अब तक तेंदुए ने नीलगाय और खरगोश का शिकार किया है. यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज डॉक्टर फैयाज खुदसर का कहना है कि पार्क के चारों तरफ बड़ी आबादी है और ऐसे में तेंदुए की सुरक्षा को देखते हुए इसे यहां से पकड़कर वापस कलेसर नेशनल पार्क पहुंचा देने पर भी विचार चल रहा है.
जानकारों के मुताबिक यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में दूर से चलकर तेंदुए का आना और इसके बाद इस पार के अंदर 15 दिनों से ज्यादा ठहरना इस बात को दिखाता है की बायोडायवर्सिटी पार्क में हर लेवल पर वनस्पति और जीवो को सपोर्ट करने वाला फ्लोरा और फॉना मौजूद है. ऐसा कहा जा रहा है की इस तेंदुए की उम्र तकरीबन 6 से 7 साल के बीच होनी चाहिए. यह तेंदुआ फिलहाल यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के फेस टू में अपना डेरा डाले हुए हैं. यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क का एरिया साढे चार सौ एकड़ है और यह तेंदुआ इसको अपना घर समझ चुका है. लेकिन आसपास की आबादी को देखते हुए बायोडायवर्सिटी एक्सपर्ट इस तेंदुए को पिंजरे में पकड़कर वापस कलेसर नेशनल पार्क में छोड़ने की योजना बना रहे हैं.