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भारतीय जीवन बीमा निगम सबसे बड़ा टैक्स डिफॉल्टर!

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आयकर विभाग की ओर से जारी टैक्स डिफॉल्टरों की सूची में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सबसे अव्वल है. चौंकाने वाली बात है कि एलआईसी के साथ-साथ टैक्स डिफॉल्टरों की सूची में केंद्र और राज्य सरकार के सीधे नियंत्रण या स्वामित्व वाली कंपनियों की संख्या सबसे ज्यादा है.

जीवन बीमा निगम का दिल्ली स्थित कार्यालय जीवन बीमा निगम का दिल्ली स्थित कार्यालय
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 31 जनवरी 2014,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आयकर विभाग की ओर से जारी टैक्स डिफॉल्टरों की सूची में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सबसे अव्वल है. चौंकाने वाली बात है कि एलआईसी के साथ-साथ टैक्स डिफॉल्टरों की सूची में केंद्र और राज्य सरकार के सीधे नियंत्रण या स्वामित्व वाली कंपनियों की संख्या सबसे ज्यादा है.

अकेले एलआईसी पर 70 अरब रु. से ज्यादा का टैक्स बकाया है. विभाग की ओर से केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के बाद जारी सूची में अलग-अलग श्रेणियों के टॉप टेन की सूची जारी की गई है.

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आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल ने इस सूची को सार्वजनिक करते हुए सीबीडीटी से मांग की है कि हर तिमाही ऐसे डिफॉल्टरों की सूची वेबसाइट पर जारी की जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि जिस मामले में अदालत ने स्थगन आदेश दे रखा है, उसके आगे स्टार चिन्हित करना चाहिए.

विभाग की ओर से जारी लिस्ट में नोएडा कॉमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वोडाफोन, आइडिया, नोकिया, भारत पेट्रोलियम, एचडीएफसी बैंक, इंडियन ऑयल, होंडा मोटर, गुजरात स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, सन फार्मा सिक्किम, यूपी आवास विकास परिषद, हरियाणा स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड, कर्नाटक हाउसिंग बोर्ड, इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी, आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी, मेरठ डेवलपमेंट अथॉरिटी, लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी, बंगलोर डेवलपमेंट अथॉरिटी, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, जमशेद जी टाटा ट्रस्ट जैसी कई संस्थाएं, कंपनियां, ट्रस्ट आदि शामिल हैं.

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