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रांची: लॉ छात्रा से गैंगरेप के 11 दोषियों को उम्रकैद, 92 दिनों में मिला न्याय

रांची में कानून की छात्रा से गैंगरेप के 11 दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. छात्रा से गैंगरेप केस का एक आरोपी नाबालिग है, जिसके केस की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में चल रही है.

अंतिम सांस तक जेल में रहेंगे दोषी, कोर्ट ने सुनाई सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर) अंतिम सांस तक जेल में रहेंगे दोषी, कोर्ट ने सुनाई सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 02 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

  • रांची में हुआ था छात्रा से गैंगरेप
  • 24 घंटे के भीतर हुई थी गिरफ्तारी
झारखंड की राजधानी रांची में कानून की छात्रा के साथ हुए सामूहिक गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को रांची कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी अंतिम सांस तक जेल की दीवारों के भीतर रहेंगे. इस केस की सुनवाई प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत में रोजाना सुनवाई हो रही थी.

कोर्ट ने 26 फरवरी को सभी 11 आरोपियों को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) धारा 376डी, 366, 323 और 120बी के तहत दोषियों को सजा सुनाई है. पीड़ित पक्ष के सरकारी वकील ने दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की है. हाई कोर्ट के निर्देश पर 3 महीने में यह फैसला सामने आया है. इस मामले की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट कर रहा था. लिहाजा 26 नवंबर को हुई इस घटना के महज 92 दिनों के भीतर पीड़िता को न्याय मिला है.

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पीड़िता के वकील एके सिंह ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि जो घटनास्थल से सबूत बरामद किए गए थे, सीडीआर, सीमेन सैंपल, ओरल सैंपल समेत फॉरेंसिक रिपोर्ट सही तरीके से कोर्ट में पेश किया गया. पर्याप्त साक्ष्य थे, जो दोषियों को सजा दिलवाने के काफी थे. इस घटना पर पुलिस ने भी सक्रियता से भूमिका निभाई क्योंकि हादसे के बाद झारखंड में हंगामा हुआ था. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया था.

एक आरोपी है नाबालिग

दोषियों को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह जघन्य अपराध है. इस केस का बारहवां आरोपी नाबालिग है. नाबालिग पर जुवेनाइल कोर्ट में केस चल रहा है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में 11 अभियुक्तों को दोषी करार दिया था. 2 मार्च को कोर्ट ने सजा सुनाने का ऐलान किया था. सभी दोषियों को बिरसा मुंडा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था.

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बचाव पक्ष ने कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. दोषियों के वकील विनोद सिंह ने कहा है कि इस मामले की तुलना निर्भया केस नहीं की जा सकती है. इस केस में ज्यादातर दोषी कम उम्र के हैं. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.

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