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साल 1972 से अब तक भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है, लेकिन ये संभव है कि आने वाले कुछ दिनों में भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ की बजाय शेर होगा. केंद्र सरकार ऐसे ही एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
झारखंड से राज्यसभा सांसद परिमाल नाथवानी ने ये प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम करने वाले 'नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ' को भेजा गया. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, नाथवानी के प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है. वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट के मुताबिक, शेर को राष्ट्रीय पशु बनाने से बाघों को बचाने के अभियान को झटका लगेगा.
खबरों की मानें तो, शेर को राष्ट्रीय पशु बनाने से बाघों के अभयारण्यों के पास औद्योगिक प्रोजेक्टस को आसानी से मंजूरी मिलने की भी आशंका जताई है.
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई थी. 'नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ' के एक सदस्य के मुताबिक, कमेटी ने पर्यावरण मंत्रालय से इस प्रस्ताव के सभी पहलुओं पर विचार करने का आग्रह किया था. सदस्य एसएस सिंह का कहना है कि अभी काफी चीजों पर विचार होना बाकी है. उनका कहना था, 'बाघ भारत के 17 राज्यों में पाए जाते हैं, जबकि शेर सिर्फ एक.' सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई है.