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सार्क के मंच पर मोदी ने पाक को संकेतों में घेरा, ली आतंकवाद के खात्मे की शपथ

नेपाल की राजधानी काठमांडू में सार्क सम्मेलन चल रहा है. इस सम्मेलन में बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं.

18वां सार्क सम्मेलन 18वां सार्क सम्मेलन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

नेपाल की राजधानी काठमांडू में सार्क सम्मेलन चल रहा है. इस सम्मेलन में बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में व्यापार, विकास और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दे उठाए. उन्होंने पाकिस्तान को तो सीधे तौर पर तो नहीं घेरा. हालांकि 26/11 हमले और आतंकवाद के खात्मे के शपथ का जिक्र कर उन्होंने भारत की स्थिति साफ कर दी. मोदी ने अपने संबोधन में बार-बार विकास पर जोर दिया और इसके लिए व्यापार को एक मात्र जरिया बताया.

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मोदी का भाषण
सार्क सम्मेलन के लिए मैं नेपाल को बधाई देता हूं. यह मेरा पहला सार्क सम्मेलन है. काठमांडू आकर खुश हूं. मैं जिस भारत की कामना करता हूं, चाहता हूं कि दक्षिण एशिया के सभी देशों का भविष्य भी कुछ ऐसा ही हो. मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा है. 6 महीनों में दुनिया के कई क्षेत्रों का दौरा किया. नई एकता का उदय देख रहा हूं. हर किसी की चाहत होती है कि अच्छा पड़ोसी मिले. हम एक-दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं. दक्षिण एशिया को सबसे ज्यादा सामुहिक कोशिश की जरूरत है. हमें लंबी दूरी तय करनी है. हमें मिलकर रेल, रोड और बिजली के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है. इस क्षेत्र में विकास काफी धीमी है. सार्क देशों के बीच में सिर्फ 10 फीसदी व्यापार है. सार्क देशों में व्यापार बढ़ाने की जरूरत है. भारत ने बांग्लादेश के साथ रेल-रोड संबंध को आगे बढ़ाया. श्रीलंका के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया. भूटान के साथ भी हमारे संबंध गहरे हो रहे हैं. सार्क देशों के बीच संबंध को और मजबूत बनाने में भारत की भी अहम जिम्मेदारी है. हमें इसका एहसास है. सार्क देशों की सबसे बड़ी कमजोरी इंफ्रास्ट्रक्चर है. एक पंजाब से दूसरे पंजाब तक जाना मुश्किल है. मैंने रोड के जरिए नेपाल आने का प्लान बनाया था. इसे लेकर हमारी सरकार के कई अधिकारी चिंतित हो गए. इसकी वजह थी बॉर्डर पर सड़कों की खराब हालत. हमें इस कमी को दूर करना होगा.

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मोदी ने सार्क सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया. मोदी ने कहा, 'आज, हम 2008 के मुंबई हमले की भयावहता को याद कर रहे हैं, हम घटना में हुई मौतों पर दुख महसूस कर रहे हैं, जो कभी खत्म नहीं होने वाला है. आइये, हम आतंकवाद और अंतर-देशीय अपराध के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम करें.'

सार्क देशों को व्यावसायिक वीजा देगा भारत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत दक्षेस देशों को तीन से पांच साल का व्यावसायिक वीजा जारी करेगा. साथ ही उन्होंने प्रक्रियाओं को सरल तथा सुविधाओं को बेहतर बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अगर हम एक-दूसरे के शहरों और गांवों को रोशन कर सकते हैं तो हम हमारे क्षेत्र के भविष्य को रोशन बना सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत का दक्षेस देशों के साथ व्यापार अधिशेष बहुत है. मुझे लगता है यह न तो सही और स्थाई है. आइये, हम प्रक्रियाओं को सरल, सुविधाओं को बेहतर, मानदंडों को एकसमान और कागजी काम को कम बोझिल बनाएं.'

2016 में दक्षेस को भारतीय उपग्रह का तोहफा
मोदी ने बुधवार को 2016 में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करने की घोषणा की. मोदी ने कहा, 'हमने 2016 में दक्षेस दिवस पर दक्षेस क्षेत्र के लिए अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है. हम न सिर्फ पूरी सहृदयता बल्कि विज्ञान की ताकत के साथ यह काम करेंगे.'

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ई-लाइब्रेरी के जरिए छात्रों का भलाः मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दक्षिण एशियाई क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को ई-लाइब्रेरी के जरिये जोड़ने के लिए तैयार है. मोदी ने कहा, 'सूचना प्रौद्योगिकी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सभी अवरोधों को दूर कर दिया है. भारत हमारे दक्षिण एशियाई विद्यार्थियों को ई-पुस्तकालय और ऑनलाइन पाठ्यक्रम के जरिये जोड़ने के लिए तैयार है.' प्रधानमंत्री ने सुदृढ़ साझा धरोहरों और विविधताओं को इस्तेमाल करने की जरूरत पर प्रकाश डाला.

मोदी-शरीफ ने नहीं मिलाए हाथ
सीमा पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीजफायर के उल्लंघन और आतंकवाद पर ढीले रवैये से हाल के दिनों मे दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी के सबूत साफ नजर आए. शरीफ और मोदी का हाथ मिलाना तो दूर, दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तरफ देखा तक नहीं.

पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का संबोधन
18वें सार्क सम्मेलन के लिए चुनी गई थीम बहुत महत्वपू्र्ण और उचित है. पाकिस्तान की ओर से सहयोग की नीति जारी रहेगी. हम सभी सार्क देशों के साथ दोस्ती के पक्ष में है. सार्क देशों में आपसी जुड़ाव बढ़े. शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वीजा नियमों को आसान करने की जरूरत है . सार्क देशों में जागरूक लोकतंत्र है. बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सहयोग जरूरी है. हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी से लड़ने पर ध्यान लगाना चाहिए. मैं चाहता हूं कि अगला सार्क सम्मेलन इस्लामाबाद में आयोजित हो.

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सम्मेलन में सार्क के 9 पर्यवेक्षक ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपियन यूनियन, ईरान, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मॉरिशस, म्यांमार और अमेरिका भी मौजूद हैं. चीन के सार्क देशों में शामिल किए जाने की नेपाल की अपील के बाद इस सम्मेलन में पर्यवेक्षकों खासकर चीन के रुख पर भारत की खास नजर रहेगी.

सार्क देशों के साथ भारत की द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम
सोलटी क्राउन प्लाजा होटल में तमाम सार्क देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. नरेंद्र मोदी भी पड़ोसी मुल्क के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष से मुलाकात करेंगे.
2.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलेंगे.
3.15 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगे.
4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे से बातचीत करेंगे.
4.45 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे से बातचीत होगी.
5.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से मिलेंगे.
इन बैठकों के बाद सभी आठ देशों के अध्यक्षों की नेपाल के राष्ट्रपति रमबरन यादव से मुलाकात होगी. नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोइराला की ओर से सभी नेताओं को डिनर दिया जाएगा.

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