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‘रखैल’ वाले बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग हुआ सख्त, भेजेगा नोटिस

राजस्थान मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं के लिए किया 'रखैल' शब्द का इस्तेमाल. आयोग ने राज्य सरकार को लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने के लिए लिखा पत्र.

लिव-इन रिलेशनशिप पर राजस्थान मानवाधिकार ने जताया एतराज लिव-इन रिलेशनशिप पर राजस्थान मानवाधिकार ने जताया एतराज
संध्या द्विवेदी
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  • 05 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST

राष्ट्रीय महिला आयोग ने राजस्थान मानवाधिकार को नोटिस भेजेन की तैयारी कर ली है. दरअसल राजस्थान मानवाधिकार ने लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने के लिए राज्य को एक पत्र लिखा है. इतना ही नहीं उसने केंद्र से भी इस मामले में सख्त कानून बनाने की गुजारिश की है. लेकिन लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं को ‘रखैल’ करने के बयान के बाद बवाल खड़ा हो गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पर राजस्थान मानवाधिकार को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है. महिला आयोग ने इस बयान और सोच पर कड़ा एतराज जताया है.

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महिला आयोग की मीडिया प्रभारी नीलांजना ने बताया अभी चेयरपर्सन रेखा शर्मा आउट ऑफ स्टेशन हैं, लेकिन हमारी बात उनसे हो चुकी है. हम राजस्थान मानवाधिकार आयोग को नोटिस भेजेंगे. महिलाओं के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी आयोग बर्दास्त नहीं करेगा. राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने लिव-इन रिलेशनशिप को खत्म करने के लिए राज्य सरकार से कानून बनाने की गुजारिश की है. आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टांटिया ने इस मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव को एक पत्र लिखा है. इतना ही नहीं इसमें केंद्र सरकार से भी इस दिशा में कानून बनाने का आग्रह किया गया है.

दरअसल, आपत्तिजनक बयान हाइकोर्ट से रिटायर जज और अब राजस्थान मानवाधिकार आयोग के सदस्य महेश चंद्र शर्मा ने दिया है. इससे पहले भी महेश चंद्र शर्मा मोर को ब्रह्मचारी बताने वाला बयान देकर बवाल खड़ा कर चुके हैं. इस बार अब उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं को ‘रखैल’ का दर्जा देकर हंगामा खड़ा कर दिया है. आयोग के सदस्य महेश चंद्र शर्मा का कहना है कि जानवरों जैसी इस तरह की जीवन शैली महिलाओं के मानवाधिकार के खिलाफ है. आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टांटियां और सदस्य महेश चंद्र शर्मा ने राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव को एक पत्र लिखा है. इतना ही नहीं इसमें केंद्र सरकार से भी इस दिशा में कानून बनाने का आग्रह किया गया है.

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