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तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में बंपर वोटिंग, पुडुचेरी में सबसे अधि‍क 80% मतदान

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतदान जारी है. तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश की वजह से 8 जिलों में मतदान में खलल हुआ है. तमिलनाडु के चीफ इलेक्ट्रोरल ऑफिसर राजेश लाहोनी ने बारिश के चलते मतदान का वक्त बढ़ाने की सिफारिश की है, जिस पर 3 बजे फैसला होगा.

पंकज श्रीवास्तव/रोहित गुप्ता
  • चेन्नई/तिरुवनंतपुरम,
  • 16 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सोमवार को हुई वोटिंग में मतदाताओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है. पुडुचेरी में सबसे अधि‍क 80.17 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है, जबकि तमिलनाडु में यह आंकड़ा 73.85 फीसदी है. राज्य के कई हिस्सों में बारिश ने 8 जिलों में मतदान में खलल डाली. केरल में 5 बजे तक 70.35 फीसदी मतदान हुआ.

दिग्गजों ने किया मतदान
चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज में वोट डालने पहुंचे सुपरस्टार रजनीकांत ने कहा कि सबको वोट डालना चाहिए. जबकि चेन्नई के गोपालपुरम में मतदान करने पहुंचे एम. करुणानिधि ने कहा कि हमारी जीत की ज्यादा संभावना है. इनके अलावा कमल हासन, पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने वोट भी अपने मताधिकार को प्रयोग किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर ज्यादा से ज्यादा वोट करने की अपील की.

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज जाकर वोटिंग की.  नागपट्टनम और कडलूर में समेत तमिलनाडु के कई हिस्सों में तेज बारिश होने से मतदाताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

केवल एक चरण में हुए इस चुनाव में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों जयललिता और ओमन चांडी तथा उनके चिर प्रतिद्वंद्वियों एम. करूणानिधि और वीएस अच्युतानंदन के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी ईवीएम में कैद हो गया.

19 मई को होगी मतगणना
पुडुचेरी में भी सोमवार को ही मतदान  हुआ. तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतगणना 19 मई को होगी. पश्चिम बंगाल और असम समेत इन राज्यों में पिछले दो महीने से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार गर्मी में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे. इन विधानसभा चुनावों को मिनी आम चुनाव माना जा रहा है.

बीजेपी तमिलनाडु और केरल में पदार्पण करने में जुटी है. जबकि तमिलनाडु में अब तक सत्ता क्रम से अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच तथा केरल में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और सीपीएम नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही आती जाती रही है.

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चुनावी मैदान में CM पद के लिए हैं ये उम्मीदवार
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और करूणानिधि के अलावा चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री पद के दो अन्य उम्मीदवार- अभिनेता से नेता बने डीएमडीके-पीडब्ल्यूएफ-टीएमसी गठजोड़ के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास भी हैं.

234 निर्वाचन क्षेत्रों में से 232 में होगा मतदान
राज्य में 3740 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कुल 234 निर्वाचन क्षेत्रों में से 232 में ही मतदान हुआ, क्योंकि चुनाव आयोग ने तनजापुर और करूर के अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में मतदान मतदाताओं को रिश्वत देने से संबंधित उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की गैर कानूनी गतिविधियों के कारण 23 मई के लिए टाल दिया है. इस सीट के मतों की गिनती 25 मई को होगी.

चुनाव अधिकारियों ने तमिलनाडु में बिना लेखा जोखा के 100 करोड़ रुपये से अधिक नकद जब्त किया जो उन पांच राज्यों में सबसे अधिक है. जहां पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए हैं. एक लाख से अधिक पुलिस और अद्धसैनिक कर्मी राज्य में 65,000 मतदान केंद्रों की चौकसी संभालेंगे. राज्य में बहुकोणीय मुकाबला है और उनमें बीजेपी भी है.

राज्य में बहुकोणीय मुकाबला
जयललिता लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने की जुगत में हैं जबकि 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी मात खा चुके करूणानिधि अपनी पार्टी द्रमुक को सत्ता में पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं. ये दोनों क्रमश: आरके नगर और तिरूवरूर सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.

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आरके नगर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा उम्मीदवार
आरके नगर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 45 उम्मीदवार हैं. द्रमुक (शिमला मुथुचोलझान) और वीसीके (वसंती देवी) ने भी जयललिता से टक्कर लेने के लिए महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी के एम. एन. राजा भी चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी के उम्मीदवारों में उसके राष्ट्रीय सचिव एच राजा और प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन शामिल हैं.

तमिलनाडु में 1967 से दो द्रविड़ दल एक-एक कर निर्वाचित होते रहे
खुद को विकल्प के तौर पर तीसरे मोर्चे के रूप में पेश करते हुए डीएमडीके, पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट (वाइको के एमडीएमके, माकपा, भाकपा, वीसीके) और जीके वास की अगुवाई वाली तमिल मनीला कांग्रेस के गठबंधन ने द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों को ही निशाना बनाया है. जिन्होंने हाल के दशकों में एक के बाद एक कर शासन किया. इस गठबंधन ने बदलाव पर जोर दिया. तमिलनाडु को आमतौर पर इस बात के लिए जाना जाता है कि वहां 1967 से दो द्रविड़ दल-द्रमुक और अन्नाद्रमुक को एक-एक कर निर्वाचित होते रहे हैं.

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