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मणिपुर में पहले चरण में 38 सीटों पर 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग

मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत शनिवार को 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. अधिकारियों ने कहा कि मतदान के अंतिम आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं क्योंकि ये आंकड़े मतदान खत्म होने के समय (तीन बजे) पर आधारित हैं.

इरोम शर्मिला इरोम शर्मिला
लव रघुवंशी/इंद्रजीत कुंडू
  • इंफाल,
  • 04 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत शनिवार को 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. अधिकारियों ने कहा कि मतदान के अंतिम आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं क्योंकि ये आंकड़े मतदान खत्म होने के समय (तीन बजे) पर आधारित हैं.

राज्य के 1,643 मतदान केंद्रों पर मतदान के समय कानून एवं व्यवस्था की कोई बड़ी समस्या नहीं हुई. पहले चरण के तहत इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, चूड़ाचंदपुर, कांगपोकपी और फेरेजोल जिलों में 38 सीटों पर मतदान हुआ. पहले चरण के तहत 168 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें छह महिलाएं भी हैं. पहले चरण के मतदान में 5 लाख 44 हजार 50 पुरुष मतदाता और 5 लाख 75 हजार 220 महिला मतदाता हैं.

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मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान हो रहा है. पहले चरण के तहत शनिवार को 38 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोट डाले गए. शेष सीटों के लिए मतदान आठ मार्च को होगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी 38 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 37 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं.इस चुनाव को राज्य में ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है. यहां कांग्रेस सरकार पिछले 15 वर्षों से सत्ता में बनी हुई है.

कुल 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव की दौड़ में शामिल सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार मुख्यत: यूनाइटेड नगा काउंसिल द्वारा लागू आर्थिक नाकेबंदी और इसे तोड़ने में राज्य सरकार की नाकामी पर फोकस किया है. कथित विकास की कमी, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, कोषों का दुरुपयोग और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को भी राजनीतिक पार्टियों ने उठाया है.

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इस बार मैदान में इरोम शर्मिला
बहरहाल, पिछले साल अपना अनशन तोड़ पीपल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस नामक पार्टी का गठन करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू पर सभी की निगाहें हैं. अफ्सपा हटाने की मांग को लेकर इरोम शर्मिला 16 साल से अनशन पर थीं और अब वह चुनाव लड़ रही हैं.

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