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महागठबंधन पर बोले किरणमय नंदा- सपा की सिर्फ कांग्रेस से बात, RLD से नहीं

यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ कई अन्य दलों के महागठबंधन की बात लगभग फाइनल है लेकिन कई बातों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है. महागठबंधन को लेकर अखिलेश खुद सारे फैसले ले रहे हैं. अखिलेश कांग्रेस को 90 सीटें देने पर राजी हैं हालांकि, कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है.

अखिलेश यादव और राहुल गांधी अखिलेश यादव और राहुल गांधी
बालकृष्ण/कुमार अभिषेक/कुमार विक्रांत
  • लखनऊ,
  • 18 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ कई अन्य दलों के महागठबंधन की बात लगभग फाइनल है लेकिन कई बातों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है. महागठबंधन को लेकर अखिलेश खुद सारे फैसले ले रहे हैं. अखिलेश कांग्रेस को 90 सीटें देने पर राजी हैं हालांकि, कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है. अखिलेश खुद इस ग्रांड एलायंस का स्वरूप तैयार कर रहे हैं.

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आरएलडी से सपा की कोई बातचीत नहीं
सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा है कि हम सिर्फ कांग्रेस से बात कर रहे हैं. आरएलडी से कोई बातचीत नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि आरजेडी, जेडीयू और ममता बनर्जी की पार्टी सिर्फ समर्थन देंगीं, उनके साथ सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही है. सीटों के बंटवारे पर नंदा ने कहा कि ये 2012 के नतीजों के आधार पर होगा.

100 सीटों से कम पर राजी नहीं कांग्रेस
यूपी के लिए हुई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राहुल और प्रियंका गांधी मौजूद थे. मंगलवार देर रात तक ये मीटिंग हुई. सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि हम अकेले यूपी में सरकार नहीं बना पा रहे थे, इसलिए बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन का फैसला किया. हालांकि, राहुल ने साफ किया कि हम राज्य में कम से कम 100 सीटों पर लड़ेंगे. कांग्रेस की ओर से यूपी में घोषित सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित ने मंगलवार को ऐलान किया था कि अखिलेश के लिए वे सीएम पद की दावेदारी छोड़ने को तैयार हैं.

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छोटे दलों को साथ लाने की कोशिश
ग्रैंड अलायंस के लिए छोटे दलों को समेटने की कोशिश- पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी ,अपना दल(कृष्णा पटेल गुट)से बातचीत जारी है. छोटे दलों के लिए सपा ने तय की 10 सीटों का कोटा. जेडीयू और आरजेडी भी होगी इस ग्रैंड अलायन्स का हिस्सा. लालू चुनाव प्रचार में आएंगे. सीट के लिए कोई मांग नहीं जबकि अखिलेश ने शरद यादव से फोन पर बातचीत की.

नोएडा की सभी सीटें समाजवादी पार्टी कांग्रेस और सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है, पिछली बार कोई सीट नहीं जीत सकी थी सपा. नोएडा से अपशकुन को भी जोड़कर देखते रहे हैं अखिलेश.

कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन को लेकर जल्द बात पूरी हो जाने की उम्मीद जताई. यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं. अगर कांग्रेस सपा के इस फॉर्मूले पर राजी होती है तो फिर सपा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है.

सूत्रों के अनुसार पहले दो चरणों के लिए 30 सीटों को सपा ने कांग्रेस के लिए मंजूर किया है. समाजवादी पार्टी आरएलडी को 21 सीटें देने को राजी है. हालांकि अभी इसपर बात हो तो.

15 सीटों को लेकर माथापच्ची
दरअसल यूपी की 403 सीटों में से कांग्रेस पार्टी चाहती है कि गठबंधन ऐसा हो कि कांग्रेस की नाक न कटे. यही वजह है कि वह 100 के फिगर पर अभी हुई अड़ी हुई है. मगर सपा 90 सीट कांग्रेस को देने की बात कर रही है.

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पहले दो चरणों की सीटों को हरी झंडी
अब दोनों में फाइनल आकड़ों को लेकर जिरह चल रही है. सूत्रों ने बाताया के फेज़-1 और फेज़ 2 की सीटों पर लगभग सहमति बन गई है. कांग्रेस को इसमें 30 सीटें मिल रही हैं. मगर मुस्लिम बहुल्य और सियासी तौर पर निर्णायक माने जानेवाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सपा इतनी आसानी से छोड़ना नहीं चाहती. पहले ही सपा लगभग 21 सीटें अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल को देने का वादा कर चुकी है. इसलिए दोनों गुट एक-दूसरे पर दबाव बना रहे हैं.

मुलायम की लिस्ट पर क्या फैसला लेंगे अखिलेश?
कांग्रेस के साथ गठबंध पर बातचीत के अलावा सपा के अंदर भी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. मंगलवार को मुलायम सिंह ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को 38 नेताओं की एक लिस्ट सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक इसमें शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का नाम भी शामिल है. हालांकि, अखिलेश को इसपर आखिरी फैसला लेना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश इनमें से कई नामों पर सहमत नहीं हैं. लखनऊ कैंट से मुलायम सिंह की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट पक्का हो सकता है तो रामपुर से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश यादव को भी टिकट मिल सकता है. हालांकि, शिवपाल के अन्य करीबी नेताओं ओमप्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय के टिकटों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.

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घटनाक्रम पर बीजेपी की नजर
विरोधी खेमे में बढ़ती एकजुटता पर बीजेपी नजर बनाए हुए हैं. दूसरी लिस्ट पर विचार करने के लिए बीजेपी ने सीईसी की मीटिंग मंगलवार को बुलाई थी लेकिन इसे बुधवार तक के लिए टाल दिया गया.

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