देश 67वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. चीफ गेस्ट हैं फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद. आज ओलांद के तीन दिन के दौरे का आखिरी दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर जवान ज्योति पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद राजपथ पर कार्यक्रम शुरू हुआ, जो करीब 96 मिनट चला. भारत माता के जयघोष के साथ परेड खत्म हुई. आसमान में तिरंगे गुब्बारे छोड़े गए, जो 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा...' प्रतीक हैं.
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राजपथ पर 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया गया. राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट अंबिका नौटियाल की मदद से तिरंगा फहराया.
लाइव अपडेट्सः
डेयरडेविल्स ने बाइक पर स्टंट दिखाए. सेना के जांबाजों ने मोटरसाइकिलों पर शानदार संतुलन दिखाया.
राजपथ पर अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक नृत्य देख फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मंत्रमुग्ध हो गए.
राजस्थान से लोकगीत 'धरती धोरां री' पर नृत्य की झांकी पेश की गई.
17 राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की गई. इसके अलावा पांच मंत्रालयों ने भी अपनी झांकियां पेश कीं.
राजपथ पर 26 साल बाद जर्मन शेफर्ड डॉग स्क्वॉयड ने परेड में हिस्सा लिया.
56 ऊंटों का दस्ता भी इस परेड में लौटा. 5 साल के ऊंट BSF में लिए जाते हैं.
राष्ट्रपति ने लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया.
राष्ट्रीय राइफल्स के गोस्वामी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.
पेट में गोली लगने के बावजूद वह आतंकियों से लोहा लेते रहे. उन्हें ढेर करने के बाद ही दम तोड़ा.
फ्रांस की सेना के 70 सैनिकों ने पहली बार राजपथ पर अपने बैंड की धुन के साथ मार्च किया.
यह पलटन 1781-1784 तक भारत में रही. इसका ध्येय वाक्य है- सब हट्टे-कट्टे, कोई मरियल नहीं.
200 साल पहले बनी राजपूत रेजिमेंट ने भी मार्च किया. सबसे पहले इसी का राष्ट्रीयकरण हुआ था.
सिख लाइट रेजिमेंट के कंबाइंड बैंड ने संविधान धुन के साथ मार्च किया.
आजादी के बाद स्थापित की गई गोरखा रेजिमेंट का मार्च. युद्धघोष है- यत्रोहम् विजयस्तत्र.
पहली बार राजपथ पर आर्मी वेटेरंस की झांकी निकली. पूर्व सैनिकों को स्कूलों में भी नियुक्त करने की योजना.
ओलांद का आज का कार्यक्रम
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दोपहर 12.30 बजे फ्रेंच-भारतीय हस्तियों के साथ लंच.
फिर राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में 'एट-होम' में शामिल होंगे.