
चेन्नई में हो रही भारी बारिश के कारण वहां का हाल बुरा है. बारिश से निपटने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव में जुट गई है. हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने निवास पर बारिश पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और वेंकैया नायडू के साथ बैठक की. इससे पहले गृह सचिव ने भी उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. मौसम विभाग ने आगाह किया है कि अगले 24 घंटे राजधानी चेन्नई समेत पूरे तमिलनाडु के लिए भारी रहेंगे.
चेन्नई एयरपोर्ट को रनवे पर पानी भरने के चलते पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया. एयरपोर्ट पर 700 से ज्यादा यात्री फंसे हैं. निचले इलाकों में तो और बुरा हाल है. सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव में जुट गई है. बारिश से अब तक 188 लोगों की मौत हो चुकी है. पानी भरने के चलते एयरपोर्ट को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया है. कई अस्पतालों में पानी घुसने से हालात और बिगड़ गए हैं. अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं पर बारिश का बुरा असर हुआ है. चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने चार दिन और बारिश आने की भविष्यवाणी की है.
सेना ने सुरक्षित बाहर निकाले 50 से ज्यादा लोग
सेना का एक बचाव दल बुधवार सुबह 11 बजे तक गुदुवानचेरी और मुदिचुर में 50 से अधिक नागरिकों को बचाकर सुरक्षित लाने में सफल रहा. सेना ने एक बयान में बताया कि सेना की तीसरी बचाव टुकड़ी को आज सुबह राहत कार्य में लगाया गया. एक अन्य टुकड़ी सड़क मार्ग के जरिए बंगलुरू से आ रही है.
एनडीआरएफ की 10 टीमें मुस्तैद
चेन्नई की बारिश से मुंबई की यादें ताजा हो गईं. 10 साल पहले जुलाई में मुंबई भी कुछ इसी तरह से डूबा था. लेकिन इस बार सबक लेते हुए राहत और बचाव में देरी
नहीं की गई और फौरन ही सेना को मोर्चे पर लगा दिया गया. एनडीआरएफ की 10 टीमें मौके पर मुस्तैद हैं. चेन्नई के दो उपनगरीय इलाकों में युद्ध स्तर पर बचाव कार्य चलाने के लिए मंगलवार रात को सेना बुला लिया गया है. सेना की गैरिसन इनफैंट्री बटालियन की दो टुकड़ियों को ताम्बरम और ओरापक्कम में बचाव कार्य में लगा दिया गया है. तमिलनाडु सरकार ने सेना से सहायता की मांग की थी. नौसेना को भी तैयार रहने को कहा गया है. एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने बताया कि 5 और टीमों को तमिलनाडु भेजने की योजना बनाई जा रही है.
टूटा 9 सालों का रिकॉर्ड
चेन्नई में इस बार इतनी बारिश हुई है कि पिछले सौ सालों का रिकॉर्ड टूटने वाला है. सोमवार को वहां 1048.3 मिलीमीटर बारिश हुई. इससे पहले 1918 के नवंबर में
1088 मिलीमीटर बरसात हुई थी. मौसम विभाग की मानें तो अगले चार दिनों तक बारिश का कहर यूं ही जारी रहेगा.
ट्रेनों पर भी पड़ी मार
अगले 24 घंटे के लिए खबरदार कर दिया है. एयरपोर्ट पर विमानों की आवजाही ठप हो गई है और कई इलाकों की बिजली भी गुल हो गई है. बिगड़े मौसम के कारण
रेलवे ट्रैक को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण कई ट्रेनों का परिचालन ठप है.
PM ने दिया मदद का आश्वासन
मौसम के बदले मिजाज के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ ही यूपी के कई शहरों में भी अंधेरा छा गया है. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से फोन पर बातकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'तमिलनाडु के हिस्सों में बाढ़ की स्थिति
को लेकर जयललिताजी से बात की. इस दुर्भाग्यपूर्ण घड़ी में सभी संभावित मदद और सहयोग का आश्वासन दिया.' राज्य में बाढ़ के कारण अब तक 188 लोगों की मौत
हुई है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
मौसम के मिजाज को देखते हुए दिल्ली से NDRF की टीम चेन्नई के हर हाल पर नजर बनाई हुई है. इस बाबत हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. एनडीआरएफ,
दिल्ली ने दो नंबर 011-24363260, +919711077372 जारी किए हैं. मंगलवार रात को एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन बंद कर दिया गया है.
बुधवार को भी बारिश का खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक, तमिलनाडु में खासकर उत्तरी जिलों चेन्नई, तिरवल्लुर और कांचीपुरम में बुधवार को भी भारी बारिश होने के आसार हैं. पुडुचेरी में भी भारी
बारिश की संभावना जताई गई है. क्षेत्रीय मौसम केंद्र (आरएमसी) के अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण पश्चिम खाड़ी के ऊपर अब कम दबाव का क्षेत्र है. इसके कारण
बुधवार को भी समूचे राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. चेन्नई में कई कार्यालयों के भीतर भी बाढ़ का पानी घुस गया है.
स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा
अधिकारियों ने बताया कि बारिश से बहुत अधिक प्रभावित चेन्नई, तिरवल्लुर और कांचीपुरम जिलों की शैक्षणिक संस्थाओं में मंगलवार को छुट्टी घोषित कर दी गई है.
चेन्नई में हो रही लगातार बारिश और जगह-जगह पर जलजमाव के कारण कार्यालय जाने वालों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उनमें से अनेक ने राज्य
सरकार की बसों, उपनगरीय ट्रेनों और मेट्रो रेल का रुख किया. बारिश के कारण अधिकतर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे मोटर चालकों को समस्याओं का सामना
करना पड़ा.