
विशाखापत्तनम में गैस लीक मामले की वजह से मजदूरों और लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय सेफ्टी प्रॉटोकाल लाने की तैयारी में है. मंत्रालय ने यह फैसला बृहस्पतिवार को तीन जगहों पर हुई गैस लीक की घटना को देखते हुए लिया है.
विदित हो कि विशाखापत्तनम में वृहस्पतिवार को एक कैमिकल फैक्टरी में गैस लीक की घटना में 10 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ो बीमार हो गए. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और तमिलनाडु के नेइवेल्ली में भी फैक्टरी में गैस लीक की घटना हुई. हालांकि इन दोनों जगहों पर किसी की मौत नहीं हुई लेकिन कई लोग गंभीर रूप से बीमार हुए और उन्हे अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा.पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से फैक्टरियां बद थी और जब इन्हें चालू किया गया तो गैस लीक की घटना हुई. चूंकि किसी भी फैक्टरी को शुरू करने के लिए संबंधित राज्य के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अनुमित लेनी होती है, लेकिन कुछ दिनों की बंदी के बाद फैक्टरी को शुरू करने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होती है इसलिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सेफ्टी प्रोटोकॉल लाने की जरूरत पड़ रही है.
सूत्रों का कहना है कि इस प्रोटोकॉल के जारी होने के बाद बंद फैक्टरी को या जो फैक्टरियां चालू हो गई है उन्हे संयंत्रों की सेफ्टी को सुनिश्चित करने के बाद राज्य के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को बताना होगा.
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि देश भर में लॉक डाउन में ढ़ील देने के बाद फैक्टरियां चालू हुई है. इसलिए सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है ताकि विशाखापत्तनम जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
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