
पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों के हमले की आशंका है. टिड्डी चेतावनी संगठन (LWO) ने मंगलवार शाम को जारी अलर्ट में कहा कि राजस्थान से टिड्डियों का दल आगे बढ़ा है. ये दल पंजाब, हरियाणा या गुजरात में दाखिल हो सकता है.
पंजाब और हरियाणा में कृषि विभाग के अधिकारी संबंधित कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हरियाणा में पंजाब और राजस्थान की सीमा से लगे सात जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में टिड्डियों के समूह के हमले की आशंका है.
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जिन सात जिलों में टिड्डियों के हमले की आशंका है, वे हैं- सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी. इन जिलों के उपायुक्तों को टिड्डी दल के आक्रमण प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है. कृषि अधिकारियों को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ हर ताजा जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है. वे कीटनाशकों के स्टॉक की उपलब्धता के बारे में भी अन्य अधिकारियों के अलावा संबंधित उपायुक्तों को भी अपडेट करेंगे.
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हरियाणा कृषि विभाग ने टिड्डी दल के हमले की स्थिति से निपटने के लिए सभी उपाय करने के लिए कहा है जिससे कम से कम नुकसान हो. इससे पहले हुई बैठक में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा की थी.
पहले भी हो चुके हैं हमले
इससे पहले भी देश अतीत में टिड्डियों के कई बड़े हमले देख चुका है. 1926 से 1931, 1942 से 1946, 1949 से 1952 और 1959 से 1962 तक टिड्डियों के समूहों ने करोड़ों रुपए की फसलों को तबाह किया था. हालांकि 1962 से 1977 तक देश में टिड्डियों का कोई आक्रमण नहीं देखा गया. 1978 और 1993 में फिर टिड्डियों के हमले रिपोर्ट हुए थे.