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जहीराबाद लोकसभा सीट: कांग्रेस से TRS ने छीनी सत्ता

जहीराबाद लोकसभा सीट पर इस समय टीआरएस के बीबी पाटिल सांसद हैं. वह इस सीट से पहली बार सांसद बने हैं. जहीराबाद लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. इसमें मेडक जिले की तीन विधानसभा सीटें और निजामाबाद जिले की चार विधानसभा सीटें आती हैं.

टीआरएस की धमक (फोटो- पीटीआई) टीआरएस की धमक (फोटो- पीटीआई)
भारत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:43 PM IST

जहीराबाद लोकसभा सीट तेलंगाना के मेडक और निजामाबाद जिले में स्थित है. जहीराबाद मेडक जिले का मुख्य आर्थिक केंद्र है. यह नाम मोहम्मद जहीरुद्दीन खान के नाम पर पड़ा. यहां तेलुगू, उर्दू, कन्नड़ और मराठी भाषाएं बोली जाती हैं. जहीराबाद का मुख्य व्यवसाय कृषि है. यहां किसानों को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ता है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

जहीराबाद लोकसभा सीट पर इस समय टीआरएस के बीबी पाटिल सांसद हैं. वह इस सीट से पहली बार सांसद बने हैं. जहीराबाद लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. इसमें मेडक जिले की तीन विधानसभा सीटें और निजामाबाद जिले की चार विधानसभा सीटें आती हैं. यहां पहली बार हुए 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी और दूसरी बार 2014 के लोकसभा चुनावों में टीआरएस को जीत मिली.

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सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की करीब 88 फीसदी आबादी ग्रामीण है और 12 फीसदी आबादी शहरी इलाकों में रहती है. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 17.79 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.38 फीसदी है. जहीराबाद लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से जुक्कल, अंडोले और जहीराबाद अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटें हैं तो बांसवाड़ा, कामारेड्डी, नारायनखेड और  येल्लारेड्डी अनारक्षित सीटें हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में सात में से छह सीटों पर टीआरएस को जीत मिली थी तो एक सीट पर कांग्रेस जीती थी. जहीराबाद लोकसभा सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां पर 7,17,811 पुरुष और 7,27,435 महिला यानी कुल 14,45,246 मतदाता हैं. यहां के मतदाताओं का चुनावों में टर्नआउट अच्छा रहता है. 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में यहां के 75 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.

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2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनावों में टीआरएस ने कांग्रेस के हाथ से सत्ता छीनी थी. उन्होंने इन चुनावों में करीब 1.45 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. बीबी पाटिल को 46.46 फीसदी यानी 5,08,661 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के सुरेश कुमार सेतकर को 33.25 फीसदी यानी 3,64,030 वोट मिले थे. इन चुनावों में तीसरे नंबर पर टीडीपी रही थी. टीडीपी के टिकट पर लड़े के. मदन मोहन राव को 1,57,497 वोट मिले थे. इससे पहले, 2009 में जहीराबाद लोकसभा सीट आंध्र प्रदेश में थी. 2009 के चुनाव में कांग्रेस के सुरेश कुमार सेतकर ने टीडीपी के सैयद यूसुफ अली पर करीब 17 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. तीसरे नंबर पर प्रजा राज्यम पार्टी के एम. शिव कुमार रहे थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

जहीराबाद के सांसद भीमराव बी. पाटिल का संसद में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. उनकी संसद में उपस्थिति 79 फीसदी रही है. इस मामले में राष्ट्रीय औसत 80 फीसदी और तेलंगाना के सांसदों का औसत 69 फीसदी रहा है. इस दौरान उन्होंने 43 बहसों में हिस्सा लिया, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 65.3 बहसों का है और तेलंगाना के सांसदों का औसत 38.2 बहसों का रहा है. उन्होंने सदन में 424 सवाल भी पूछे, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 285 सवालों का रहा है और राज्य का औसत 295 सवालों का रहा है. वह कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं लाए. पाटिल को उके क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 12.50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे, जो ब्याज की रकम को मिलाकर 15.84 करोड़ हो गए. इसमें से उन्होंने 12.84 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि मूल आवंटित रकम का 101.90 फीसदी बैठता है. उनके खाते में 3 करोड़ रुपये बिना खर्च किए पड़े रह गए.

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