
कर्नाटक की गुलबर्गा लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए काफी अहम है क्योंकि यहां से लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सांसद हैं. इस सीट पर ज्यादातर वक्त कांग्रेस के उम्मीदवार को ही जीत मिली है. इस शहर को पहले कलबुर्गी के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर गुलबर्गा कर दिया गया. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
गुलबर्गा लोकसभा सीट पहले हैदराबाद स्टेट के अंतर्गत आती थी फिर यह क्षेत्र मैसूर स्टेट में चला गया, लेकिन साल 1977 के चुनाव से यह सीट कर्नाटक राज्य के अंतर्गत आती है. इस सीट पर अब तक हुए कुल 17 चुनावों में 15 बार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है जबकि 2 बार अन्य दल के प्रत्याशी ने यहां जीत हासिल की है.
इस सीट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता धरम सिंह भी सांसद रह चुके हैं. पहली बार 1996 के चुनाव में किसी गैर कांग्रेसी नेता ने यहां से जीत दर्ज की थी. तब जनता दल के कमर-उल-इस्लाम यहां से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 1998 के चुनाव में बीजेपी ने गुलबर्गा सीट से जीत दर्ज की थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे इस सीट से चुनकर संसद पहुंचे और फिर 2014 के चुनाव में उन्होंने लगातार दूसरी बार यहां से जीत दर्ज की है.
सामाजिक तानाबाना
गुलबर्गा की कुल आबादी करीब 23.12 लाख है जिनमें 17 लाख से ज्यादा वोटर हैं. इस लोकसभा सीट पर 8.7 लाख पुरुष मतदाता और 8.3 महिला मतदाता हैं. यहां की कुल आबादी का 65 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता है जबकि 35 फीसदी लोग शहरी क्षेत्र में निवास करते हैं. इसके अलावा यहां की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है जबकि करीब 3 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी भी इस क्षेत्र में रहती है.
2014 का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में गुलबर्गा सीट से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी के रेवुनायक बेलामागी 74,733 वोटों से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस को 5,07193 वोट और बीजेपी को 4,32,460 वोट मिले थे. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर करीब 9.97 लाख मतदाताओं ने वोट डाला और वोटिंग फीसदी 58 के करीब रहा. कांग्रेस और बीजेपी के अलावा जेडीएस (1.6%) बसपा (1.1%) आम आदमी पार्टी (0.9%) क्रमश: तीसरे, चौथे और 5वें स्थान पर रहीं.
सांसद का रिपोर्ट
गुलबर्गा से कांग्रेस के सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है और वह 2014 में बीजेपी की लहर के बावजूद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे. खड़गे लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता हैं और पूर्व की यूपीए सरकार में रेल मंत्री जैसा अहम पद संभाल चुके हैं. इसके अलावा वह कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता विपक्ष भी रह चुके हैं. उनके पास लंबा संसदीय अनुभव है और साफ राजनीति वाले नेता की छवि भी रखते हैं.
साल 1972 से 2009 तक खड़गे 10 बार विधायक चुने गए जिसमें से 9 बार लगातार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भी शामिल है. खड़गे लोकसभा में पीएसी कमेटी के अध्यक्ष हैं इसके अलावा वह बजट कमेटी के सदस्य भी हैं. संसद में उनकी उपस्थिति 91 फीसदी के करीब रही और लोकसभा की कुल 331 में से 330 बैठकों में वह मौजूद रहे. उन्होंने सदन की 112 चर्चाओं में हिस्सा लिया और 332 सवाल भी पूछे. इसके अलावा उन्होंने अपनी सांसद निधि 25 करोड़ की 71 फीसदी राशि अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए खर्च की है. पिछले चुनाव में दिए हलफनामे के मुकाबिक उनके पास करीब 10 करोड़ की संपत्ति है और खड़गे के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.