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एक सीट पर असर, केंद्र की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी अपने परंपरागत हैदराबाद संसदीय सीट से चौथी बार मैदान में उतरे हैं. ओवैसी के खिलाफ टीआरएस के पुस्ते श्रीकांत, बीजेपी के डॉ. भगवंत राव और कांग्रेस के मोहम्मद फिरोज खान चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

दक्षिण भारत के तेलंगाना की हैदराबाद लोकसभा सीट काफी हाई प्रोफाइस सीटों में से एक है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इस्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी अपने परंपरागत हैदराबाद संसदीय सीट से चौथी बार मैदान में उतरे हैं. ओवैसी के खिलाफ टीआरएस के पुस्ते श्रीकांत, बीजेपी के डॉ. भगवंत राव और कांग्रेस के मोहम्मद फिरोज खान चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

हैदराबाद लोकसभा सीट पर ओवैसी परिवार की सियासी जड़े काफी मजबूत हैं. इसी का नतीजा है कि आजादी से अब तक हुए 16 बार लोकसभा चुनाव में 6 बार उनके पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी ने जीत दर्ज की है और तीन बार खुद असदुद्दीन ओवैसी जीत दर्ज कर चुके हैं. हैदराबाद सीट पर 1984 से ओवैसी परिवार का जीत का सिलसिला जो शुरू हुआ है वो लगातार जारी है.

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असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद संसदीय सीट से चौथी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. ओवैसी का जन्‍म 13 मई 1969 को हैदराबाद में हुआ था. आंध्रप्रदेश के निजाम कॉलेज से स्‍नातक करने के बाद औवेसी ने लंदन से वकालत की डिग्री हासिल की.

ओवेसी 1994 से 2003 के विधानसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. इसके बाद 2004 में पहली बार हैदराबाद सीट से मैदान में उतरे और जीतकर सांसद चुने गए. इसके बाद से ओवैसी लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं. इस बार उन्हें घेरने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी है.

2014 में मोदी लहर के बावजूद ओवैसी हैदराबाद सीट से  6 लाख 13 हजार 868 वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे. उन्होंने बीजेपी के डॉ. भगवंत राव को 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. कांग्रेस के ए. कृष्णा रेड्डी को 49 हजार 310 और टीआरएस के राशिद शरीफ को 37 हजार 195 वोट मिल सके थे.

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ओवैसी भले ही अपनी पार्टी के एकलौते सांसद हों, लेकिन वो मुसलमानों की आवाज बनकर पूरे देश में अपनी राजनीतिक पहचान बनाई है. इसके साथ ही संसद से लेकर टीवी डिबेट में भी हमेशा छाए रहते हैं.

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