
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जम्मू कश्मीर की बारामूला और जम्मू सीट पर भी मतदान होगा. इस बीच बारामुला सीट में आने वाले गुरेज के लोग मायूस है क्योंकि इस दूरदराज इलाके में अभी भी कई छोटे-छोटे गांव न सिर्फ बर्फबारी और बर्फीले तूफान की वजह से नजदीकी कस्बों से कटे पड़े हैं बल्कि उन को मतदान के लिए निकलने में दिक्कतें भी होगी.
जम्मू कश्मीर में गुरेज की वादी देश दुनिया से सर्दी के महीने में कटी रहती है. इस इलाके के अधिकतर लोग बांदीपोरा या तो फिर श्रीनगर हिजरत करते हैं. कुछ ही दिन पहले गुरेज का रास्ता खुला, लेकिन अभी तक यहां पर कई सारे लोग अपने घरों को नहीं लौट पाए हैं. इलाके के विधायक नजीर अहमद गुरुजी का कहना है इलाके की अधिकतर आबादी इलाके से बाहर है और उस बीच पहले चरण में यहां पर चुनाव की घोषणा करना कहीं ना कहीं लोगों के वोट के अधिकार के साथ खिलवाड़ से कम नहीं, क्योंकि जब वह मतदान कर ही नहीं पाएंगे तो मतदान का क्या मतलब.
इस साल कश्मीर में सर्दियों के दौरान जमकर हुई बर्फबारी अभी भी इलाके में मौजूद है और कई गांव के रास्ते कटे पड़े हैं. चुनाव सामग्री लेकर चुनाव अधिकारी इलाके में तो पहुंचे हैं, लेकिन वह किस हद तक हर एक मतदान केंद्र पर मतदान कराने में सफल रहते हैं वह भी एक चुनौती बनी हुई है. इतना साफ है कि जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक मतदान के लिए पहचान बनाने वाले इलाक़े में अबकी बार बहुत कम मतदान होगा.
बता दें, बारामूला सीट से इस बार कांग्रेस के हाजी फारूक अहमद मीर, बीजेपी के मोहम्मद मकबूल वार, नेशनल कांफ्रेंस के मोहम्मद अकबर लोन और पीडीपी के अब्दुल कय्यूम वानी समेत स्थानीय दलों के नौ उम्मीदवार मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में पीडीपी पहली बार इस सीट पर जीतने में कामयाब हुई थी. उसके टिकट पर मुजफ्फर हुसैन बेग चुनाव जीते थे. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के शरीफुद्दीन शारिक को हराया था. सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले इस क्षेत्र में 2014 के चुनाव में करीब 39 फीसदी मतदान हुआ था.
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