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कश्मीर पर संसद में प्रस्ताव पारित, एकमत सांसदों ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने यह प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा, 'लंबे समय से जारी कर्फ्यू और हिंसा पर यह सदन चिंता व्यक्त करता है. सभी पार्टियों ने यह बात दोहराई कि भारत की एकता अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है.'

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में कश्मीर के हालात पर सदन की ओर से एक प्रस्ताव पारित किया गया. सभी पार्टियों ने एकमत होकर कहा कि कश्मीर को लेकर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता. कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है. इस मामले में पूरा देश और तमाम पार्टियां एक हैं.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने यह प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा, 'लंबे समय से जारी कर्फ्यू और हिंसा पर यह सदन चिंता व्यक्त करता है. सभी पार्टियों ने यह बात दोहराई कि भारत की एकता अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है. इस पर कोई समझोता नहीं होगा. लेकिन कश्मीर के जो हालात हैं, उसके लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए ताकि वहां पर शांति व्यवस्था कायम की जा सके. लोगों को जो परेशानियां हो रही है उसे दूर किया जा सके.'

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युवाओं में विश्वास बहाली का संकल्प
सदन से अपील की गई कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए समाज के सभी लोग आगे आएं. सदन ने खासकर युवा वर्ग में विश्वास बहाली के प्रयास का संकल्प किया. दरअसल, प्रस्ताव पारित करने की मांग कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से आई थी. खड़गे का कहना था कि कश्मीर के बिगड़े हालात पर सदन को प्रस्ताव पारित करना चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि इस मामले पर पूरा सदन एक साथ है.

खड़गे के ऐसा कहने पर सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पारित करने पर सहमति जताई. कश्मीर मुद्दे को लेकर राज्यसभा में भी दो दिन पहले ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया गया था.

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