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भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की निंदा करने, और उसके शव को उसके परिवार को सौंपे जाने की मांग करने वाले प्रस्ताव के पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में पास हो जाने पर शुक्रवार को भारतीय संसद में काफी हंगामा हुआ और लोकसभा ने पाकिस्तान के खिलाफ आमराय से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है, और पाकिस्तान से ऐसी हरकत न करने के लिए कहा गया है.
अफजल गुरु को फांसीः कहीं जश्न तो कहीं प्रोटेस्ट
इससे पूर्व, पाकिस्तान द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव की प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने भारतीय संसद में कड़ी आलोचना की, और कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ वार्ता बंद कर देनी चाहिए.
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तानी संसद में पारित प्रस्ताव और इटली द्वारा केरल के मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने नौसैनिकों को भारत वापस नहीं भेजने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह बार-बार ठोकर मारी जा सकती है, तो हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रबंधन में शर्तिया कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ है.
अफजल गुरु की फांसी पर किसने क्या कहा?
वहीं, बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने भी लोकसभा में पाकिस्तान के इस कदम पर प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा का नोटिस दिया था. सिन्हा का कहना है कि पाकिस्तान ने अफजल गुरु के मामले पर अपनी संसद में जो प्रस्ताव जारी किया है, वह हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा और इस मामले पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग की थी.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर एक निंदा प्रस्ताव पास किया है. यह प्रस्ताव जमायत−ए−उलेमा−ए−इस्लाम के प्रमुख मौलामा फजल−उर्रहमान ने पेश किया था, जिसे पाकिस्तानी संसद ने मंजूरी दी.
इसमें कहा गया है कि अफजल की फांसी के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात काफी खराब हो गए हैं, साथ ही तिहाड़ जेल में दफन अफजल गुरु के शव को उसके घरवालों को सौंपने की भी मांग की गई है. खास बात यह है कि अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने से ठीक दो दिन पहले नेशनल असेंबली ने यह प्रस्ताव पास किया है.