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पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर जमीन को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का आरोप

कर्नाटक के लोकायुक्त पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है. बीएस येदियुरप्पा पर उनके कार्यकाल में बेंगलुरु और इसके आसपास की जमीन को कथित रूप से सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने को लेकर भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए हैं.

बी.एस.येदियुरप्पा (फाइल फोटो) बी.एस.येदियुरप्पा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2015,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

कर्नाटक के लोकायुक्त पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है. येदियुरप्पा पर उनके कार्यकाल में बेंगलुरु और इसके आसपास की जमीन को कथित रूप से सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने को लेकर भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए हैं.

लोकायुक्त के एक अधिकारी ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी को बताया, 'कैग की रिपोर्ट के आधार पर और एक सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हीरेमठ की शिकायत पर येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई.'

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सरकार द्वारा जमीन को गैर-अधिसूचित करने तथा बैंगलोर डेवलपमेंट आथॉरिटी द्वारा जमीन आवंटित करने पर कैग की रिपोर्ट 2012 में विधानसभा में पेश की गई थी. उस समय राज्य में बीजेपी की सरकार थी.

येदियुरप्पा इस समय बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इन्होंने ने 31 जुलाई, 2011 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफा लोकपाल न्यायमूर्ति एन. संतोष हेगड़े द्वारा करोड़ों रुपये के खनन घोटाले में उनके खिलाफ अभियोग चलाए जाने के बाद दिया था. येदियुरप्पा फिलहाल शिमोगा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, 40 भूखंडों को 2007-2012 के दौरान गैर-अधिसूचित किया गया था, तब जनता दल(सेक्युलर) के विधायक एचडी कुमारस्वामी जद (एस)-बीजेपी गठबंधन के मुख्यमंत्री थे और येदियुरप्पा मई 2008 से जुलाई 2011 तक मुख्यमंत्री थे. एक अधिकारी ने बताया, 'येदियुरप्पा राज्य के शहरी विकास विभाग के चार अधिकारियों, बीडीए और जमीन मालिकों के साथ पहले आरोपी हैं. येदियुरप्पा ने अपने कार्यकाल के दौरान शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल रखी थी.'

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जो भूखंड राज्य के नियंत्रण से मुक्त किए गए, वे शहर के उपनगरीय इलाके में स्थित हैं, जिससे राजकोष को काफी नुकसान हुआ था.' अधिकारियों ने बताया, 'हीरेमठ ने 2013 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और अवैध जमीन सौदे की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने उन्हें पहले लोकायुक्त से संपर्क करने का निर्देश दिया था, क्योंकि यह शिकायत और जांच के लिए उचित संस्था है.'

इनपुट: IANS

 

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