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असहिष्णुता पर बहस में कांग्रेस ने सरकार को घेरा, खड़गे को किरण खेर ने दिया करारा जवाब

संसद में असहनशीलता पर गरमागरम बहस सोमवार के बाद मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है. विपक्ष ने असहिष्णुता के मुद्दे पर एक बार फिर सरकार को घेरा है.

लोकसभा में बीजेपी सांसद किरण खेर लोकसभा में बीजेपी सांसद किरण खेर
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

संसद में असहनशीलता पर गरमागरम बहस सोमवार के बाद मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है. विपक्ष ने असहिष्णुता के मुद्दे पर एक बार फिर सरकार को घेरा है. कांग्रेस नेता मल्लि‍कार्जुन खड़गे ने लोकसभा में बोलते हुए जहां बीजेपी के राज को दंगों से जोड़ा, वहीं जवाब में चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर ने कहा कि एनडीए का राज आते ही लोगों को इन्टॉलरेंस का इंजेक्शन लग गया है.

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अभि‍नेत्री से राजनेता बनीं किरण खेर ने कहा, 'लोग देश में इन्टॉलरेंस की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं यूपी का उदाहरण देते हुए पूछना चाहती हूं कि वहां कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी क्या यूपी सरकार की नहीं है?' खेर ने आगे कहा कि 65 साल से देश भ्रष्टाचार, गरीबी, रोटी-कपड़ा और मकान जैसे मुद्दों से जूझ रहा है. वह कहती हैं, 'हमें नहीं लगता कि हमारी सरकार असहिष्णु है. हमारी सरकार के आने के बाद लोगों को इन्टॉलरेंस का इंजेक्शन लगा है.'

किरण खेर ने कांग्रेस को राहुल गांधी द्वारा बंगलुरू के माउंट कार्मेल कॉलेज में दिए गए भाषण से सीख लेने की सलाह दी. सांसद ने कहा, 'राहुल ने बहुत अच्छी स्पीच दी थी. राहुल ने कहा था कि सब लोग मिलकर प्यार से काम करें. मैं यही कहना चाहती हूं कि आप हमसे नफरत न करें, न हमें आपको नफरत करने पर मजबूर करें.'

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गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. खड़गे ने विपक्ष की ओर से सरकार से सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े प्रश्न पूछे. अपने बयान में उन्होंने कहा कि जहां-जहां बीजेपी का राज रहा, वहां दंगे हुए. उनके ऐसा कहने पर सदन में शोर शुरू हो गया. गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने खड़गे को जवाब देते हुए कहा कि 2013 के मुकाबले देश में सांप्रदायिक दंगे कम हुए और वैसे भी कानून व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है, न कि केंद्र की.

हमने मोदी का अलग रूप देखा था: थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव से पहले मोदी का अलग रूप देखा था. पटना के गांधी मैदान पर जब ब्लास्ट हुआ तो उन्होंने लोगों से संयम की अपील की, लेकिन पीएम बनने के बाद उन्हें क्या हो गया है? सब को साथ लेकर चलने वाली उनकी नीति कहां गई?

'कांग्रेस शासन में बहुसंख्यकों को प्रताड़ित किय गया'
बीजेपी और सरकार का पक्ष रखते हुए गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने यूपीए सरकार और कांग्रेस शासन को निशाने पर लेते हुए कहा कि पूर्व में दंगाइयों पर कार्रवाई के नाम पर बहुसंख्यक समाज को किया प्रताड़ित किया गया.

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बीजेपी ने की संसदीय दल की बैठक
संसद के भीतर असहिष्णुता पर दूसरे दिन की बैठक से पहले बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक की. हालांकि, इस मीटिंग में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी नहीं पहुंचे. मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि असहिष्णुता को लेकर देश में जो माहौल बनाया जा रहा है, उसमें कई बुद्धिजीवी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो 2014 में जब आम चुनाव हो रहा था, तब मोदीजी का विरोध कर रहे थे.

सोमवार को राजनाथ के बयान पर हुआ था बवाल
इससे पहले सोमवार को लोकसभा में असहिष्णुता पर चर्चा के दौरान सीपीएम सांसद मुहम्मद सलीम ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने 800 साल बाद देश को हिंदू शासक मिलने की बात कही थी. सांसद ने इसके लिए आउटलुक मैगजीन में छपी कवर स्टोरी का हवाला दिया. इस पर राजनाथ ने कहा था, 'आज मैं जितना आहत हुआ हूं, उतना अपने राजनीतिक जीवन में पहले कभी नहीं हुआ. मैंने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया. ऐसा बयान देने वाले को गृह मंत्री बने रहने का हक नहीं है.'

मैगजीन ने जताया खेद
सोमवार को इस मुद्दे पर जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा था. बाद में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सलीम के बयान को लोकसभा की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटाने के आदेश दिए. हालांकि, शाम ढलते-ढलते मैगजीन ने इस ओर खेद जताते हुए कहा कि उसने बयान देने वाले की पड़ताल नहीं की थी और वीएचपी नेता अशोक सिंघल की जगह गलती से राजनाथ सिंह का नाम छप गया था.

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