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69 का दूल्हा और 49 की दुलहन... कैसी होती हैं ऐसी शादियां

प्यार जाति और धर्म की सीमा से परे होता है और उम्र के फासलों से भी. हाल में एक ऐसी ही जोड़ी चर्चा में है जिनके बीच उम्र का फासला 20 साल का है. लेकिन क्या ऐसी शादियां एकदम सहज हो पाती हैं...

एस वाई कुरैशी और इला शर्मा एस वाई कुरैशी और इला शर्मा
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्‍ली,
  • 07 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

प्यार अंधा होता है क्या सही कहते हैं? शायद हां और शायद न क्योंकि कभी-कभी प्यार के फैसले नासमझी में बन जाते हैं तो कई बार ऐसे फैसले सोच-समझकर भी लिए जाते हैं. प्यार में सिर्फ जाति और धर्म को ही मुद्दा नहीं बनाया जाता बल्कि उम्र का फासला भी कई बार बड़ी वजह बनता है. हाल ही में ऐसी ही एक जोड़ी खबरों में छाई हुई है.

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भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और नेपाल की चुनाव आयुक्त इला शर्मा की जिन्होंने जल्द ही शादी करने का ऐलान किया है. इस जोड़ी की खास बात ये हैं कि इला शर्मा भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से पूरे 20 साल छोटी हैं. कुरैशी के परिवारवालों ने इस खबर की पुष्ट‍ि करते हुए बताया है कि शादी की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. यूं तो यह अपने तरह की पहली शादी नहीं है लेकिन उम्र में इतना लंबा फासला होना हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है.

2007 में आई बॉलीवुड फिल्म 'चीनी कम' इसी सब्जेक्ट पर आधारित थी. अमिताभ बच्चन और तब्बू इस फिल्म में लीड रोल में थे और उनके बीच उम्र का फासला 30 साल का दिखाया गया था. ऐसी शादियों को अब तो मंजूरी मिलने लगी है लेकिन कहीं न कहीं हर किसी के मन में सवालों का पुलिंदा भी होता है. इस साल की शुरुआत में बॉलीवुड के अभिनेता कबीर बेदी ने अपने से 28 साल छोटी परवीन दुसांज से शादी की है.

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प्यार सिर्फ नासमझी का नाम नहीं है. यह एक ऐसा एहसास है जो कभी भी आपके दिल को धड़कना सिखा सकता है. कई बार जीवन के अकेलेपन को भरने के लिए एक साथी मिल जाता है तो कई बार जिंदगी की उदासियों को दूर करने का हमसफर.

प्यार और शादी को अगर हम उम्र के फासलों से दूर ही रखें तो अच्छा है क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति की जिंदगी का निजी फैसला होता है. इस तरह की शादियों में कई बार परिवार को समझाना और फिर खुद को भी राजी करना जैसी कई समस्याएं आती हैं. इसी के साथ ही पॉपर्टी के बंटवारे और पैसों से रिलेटेड लीगल मामले भी सामने आता हैं.

पॉपर्टी के मामले पर एक प्राइवेट फर्म में कार्ययत लॉयर रूपा रॉय का कहना है कि ऐसे केसज में बच्चों का कंसर्न सिर्फ पॉपर्टी होता है. बाकी थोड़ा बहुत समाज में मजाक बनने का डर होता है. वैसे Indian Succession Act 1925 के हिसाब से आप अपनी प्रॉपर्टी जिसे चाहें उसे दे सकते हैं क्योंकि पिता के धन पर बेटे का कोई हक नहीं होता. हां, दादा की जायजाद में पोते को हिस्सा जरूर मिलता है. आप चाहें तो इसी एक्ट के तहत अपनी विल भी बनवा सकते हैं.

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रिश्तों की उलझी गुत्थी के मामले में साइकोलॉजिस्ट सारथी कहती हैं कि बड़ी उम्र में शादी और फिर 20 साल से ज्यादा का गैप होना रिश्ते में अजीब सा तनाव पैदा कर देता है. साथी मिलने की खुशी तो होती है साथ ही समाज में मजाक उड़ने का डर भी होता है. ऐसे में खुद को, परिवार को और दोस्तों को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन एकबार जब मन स्थिर हो जाता है तो सारी समस्याओं का समाधान मिल जाता है. ऐसे रिश्तों को उलझाने की बजाय सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए.

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