Advertisement

लव, सेक्स और धोखा: बदले की आग में जल रही 'महबूबा' ने जैश कमांडर को कराया ढेर

तिरस्कृत होने बाद वो युवती अपने भतीजे के साथ पंजाब के जालंधर चली आई. यहां चोरी-चोरी उसने अजन्मे शिशु को गिरवा दिया. लेकिन वो वापस लौटी एक प्रतिशोध के साथ कि उस व्यक्ति को खत्म कर देना है. उसका मानना था कि खालिद ने उसको यूज किया और अजन्मे बच्चे की मौत और उसकी बर्बादी का जिम्मेदार है.

मारा गया जैश ए मोहम्मद का कमांडर खालिद मारा गया जैश ए मोहम्मद का कमांडर खालिद
नंदलाल शर्मा
  • श्रीनगर ,
  • 09 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

'मैं उसकी मौत चाहती हूं', ये उस कश्मीरी युवती का सीधा सपाट बयान था, जब एक साल पहले उसने जम्मू कश्मीर पुलिस के सीनियर अधिकारी के दफ्तर की चौखट लांघने के बाद अपने प्रतिशोध को शब्दों में जाहिर किया था. उम्र के 20वें साल में दिख रही कश्मीरी लड़की जैश ए मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर खालिद को मरवा देना चाहती थी.

Advertisement

उसने पुलिस ऑफिसर से कहा था, 'मैं आपको उसका सुराग दूंगी, बाकी आपको करना होगा (मार डालना होगा).'

लगभग एक साल बाद 9 अक्टूबर 2017 की सुबह उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ एक क्षणिक मुठभेड़ में खालिद ढेर हो गया. वो युवती खालिद की गर्लफ्रेंड थी, जो उसकी नियति बन गई.

वो खालिद को मरवाना क्यों चाहती थी?

एक साल पहले, युवती को पता चला कि वह प्रेग्नेंट है. उसने इस बात का खुलासा खालिद से किया, उसे उम्मीद थी कि खालिद भी उतना ही खुश होगा, जितनी की वो है. लेकिन, खालिद के जवाब ने उसका दिल तोड़ दिया. खालिद का जवाब था कि उसका कोई लेना देना नहीं है, न तो उसके साथ न उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ.

तिरस्कृत होने बाद वो युवती अपने भतीजे के साथ पंजाब के जालंधर चली आई. यहां चोरी-चोरी उसने अजन्मे शिशु को गिरवा दिया. लेकिन वो वापस लौटी एक प्रतिशोध के साथ कि उस व्यक्ति को खत्म कर देना है. उसका मानना था कि खालिद ने उसको यूज किया और अजन्मे बच्चे की मौत और उसकी बर्बादी का जिम्मेदार है.

Advertisement

प्रतिशोध से भरी युवती

बदले की आग में जल रही उस युवती ने निश्चित किया कि खालिद की उल्टी गिनती शुरू हो जाए. पिछले आठ सालों से वह सुरक्षा बलों की गोलियां से बचता आया था. कितनी बार मुखबिरों ने उसके बारे में सूचना पुलिस को दी, लेकिन वह बचता रहा.

कई सालों से कश्मीर में फिदायीन हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद के मास्टर माइंड खालिद को जिम्मेदार माना जाता था. इसके अलावा खालिद का काम आतंकियों को उत्तरी से दक्षिणी कश्मीर भेजना था.

खालिद कश्मीर घाटी में पाकिस्तान के लिए काम करता था. सोपोर, बारामूला, हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में हुए दर्जनों आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता था. लेकिन, खालिद ने अपनी लवर ब्वॉय वाली इमेज बरकरार रखी थी. खबरों के मुताबिक मुठभेड़ के वक्त भी उसके साथ तीन-चार गर्लफ्रेंड थीं.

मुखबिरी और फाइनल एनकाउंटर

कुछ समय पहले, उस युवती ने एक निश्चित स्थान पर खालिद की मौजूदगी होने के बारे में पुख्ता सूचना दी थी. सूचना के बाद पुलिस की टीम स्पॉट पर पहुंची और इलाके को घेर लिया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. खालिद निकल गया था. एक दूसरे मौके पर भी खालिद भाग निकला.

इस बार भी जम्मू कश्मीर पुलिस को युवती के करीबी सूत्रों ने सूचना दी थी. इसके बाद सुरक्षा बलों की एक टीम सोपोर में खालिद के घुसने के इंतजार करने लगी.

Advertisement

आतंक के एक अध्याय का 'THE END'

खालिद अपने एक खास व्यक्ति से मिलने आया था. जैसे उसे घिरे होने की भनक लगी, उसने फायरिंग शुरू कर दी. लेकिन, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने उसका काम तमाम कर दिया. फायरिंग सिर्फ चार मिनट चली.

दरअसल खालिद लडूरा स्थित सरकारी स्कूल से लगे आवास पर पहुंच गया था. सुरक्षा बलों ने इस इलाके को पहले से ही घेर रखा था. घाटी में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख की कहानी का एसओजी, सीआरपीएफ की तीन बटालियन (179, 177, 92) और 32 राष्ट्रीय राइफल्स ने 'द एंड' कर दिया.

खालिद के मारे जाने के साथ ही जम्मू और कश्मीर में आतंक के एक अध्याय का पटाक्षेप हो गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement