
लखनऊ एनकाउंटर मामले में सैयद मीर हुसैन (गिरोह का उप प्रमुख) की एक डायरी उनके हाजी कॉलोनी स्थित कमरे से मिली है. इस डायरी से और अभी तक की पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक यह गिरोह कुछ व्यक्तियों को टार्गेट करने वाला था, जिनमें से एक लखनऊ स्थित एक शिक्षण संस्थान के प्रमुख संचालक हैं. इसके लिए आतंकियों ने रेकी भी कर ली थी. इन व्यक्तियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए, उनका नाम जारी नहीं किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने उनकी सुरक्षा का प्रबंध कर दिया है.
आतंकी कई दरगाहों और पूजा स्थलों पर बम विस्फोट करने वाले थे और इसके लिए रेकी भी की थी. कमांडोज द्वारा कमरे में प्रवेश की स्थिति में इन्होंने 'रूम डिफेंस' की पूरी योजना बना रखी थी जिसका डायग्राम हुसैन की डायरी में मिला. गिरोह के पास से बरामद लैपटॉप में आतंकवादी घटनाएं करने संबंधी साहित्य तो मिला ही है, चौंकने वाली बात है कि इन अंग्रेज़ी अभिलेखों का हिंदी अनुवाद किया गया और पीडीएफ बना कर अन्य लोगों को गुमराह करने के लिए प्रसारित किया गया.
गौरतलब है कि एटीएस ने गत 7 मार्च को एनकाउंटर में आईएसआईएस आतंकी सैफुल्ला को लखनऊ में मार गिराया था. उत्तर प्रदेश के सातवें चरण के मतदान के ठीक 1 दिन पहले लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एटीएस के ऑपरेशन ने सनसनी फैला दी थी. एटीएस के इस ऑपरेशन में आईएस का एक आतंकी सैफुल्ला ढेर कर दिया गया था. एक आतंकी को मारने में एटीएस को करीब 11 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. इस ऑपरेशन के तार मध्यप्रदेश के ट्रेन बम धमाके से जुड़े हैं. इसी संदर्भ में कानपुर और इटावा से भी गिरफ्तारियां हुईं.
शुरुआत में एटीएस ने इस बात की पुष्टि की थी कि घर के भीतर कथित तौर पर सैफुल्ला नाम का शख्स है जिसके तार मध्यप्रदेश में हुए ट्रेन ब्लास्ट से जुड़े हैं. हालांकि शाम होते-होते यह आशंका सामने आई कि आतंकी एक नहीं बल्कि दो हैं. हालांकि अंत में एक ही आतंकी मिला और मारा गया.