
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगे कुछ होर्डिंग बुधवार को चर्चा में आ गए, जिन पर योगी फॉर पीएम लिखा है. एक तरफ पीएम मोदी की तस्वीर है, तो दूसरी तरफ योगी की. मोदी की तस्वीर की नीचे लिखा है- जुमलेबाजी का नाम मोदी और योगी की तस्वीर की नीचे लिखा है- हिंदुत्व का ब्रांड योगी.
राजधानी में 2-3 स्थानों पर ये होर्डिंग रात में लगाए गए हैं. जब सुबह लोगों की नजर इन पर पड़ी तो लोग हैरान रह गए. किसी ने इस बात की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि होर्डिंग में 10 फरवरी को लखनऊ के रमाबाई मैदान में होने वाली किसी धर्म संसद के बारे में लिखा हुआ है.
सबसे ऊपर लिखा है- योगी लाओ, देश बचाओ. इसके बाद 10 फरवरी को होने वाली धर्म संसद का जिक्र है. एक तरफ पीएम मोदी की तस्वीर है, तो दूसरी तरफ योगी की लगी है. मोदी की तस्वीर की नीचे लिखा है- जुमलेबाजी का नाम मोदी और योगी की तस्वीर की नीचे लिखा है- हिंदुत्व का ब्रांड योगी.
ये हॉर्डिंग उत्तर प्रदेश नमनिर्माण सेना की और से लगाए गए हैं. पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लिया है. इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. विवादित हॉर्डिंग उतारकर पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं.
यूं तो पोस्टर देखने से यह किसी की शरारत लगती थी, लेकिन साफ हो गया कि पोस्टर लगाने वाला कोई और नहीं बल्कि कभी शिवपाल यादव का करीबी रहा अमित जानी है.
जैसे ही तीनों राज्यों के नतीजे आए हैं वैसे ही यह पोस्टर लखनऊ के मुख्य चौराहे पर नजर आने लगे इसमें यह शरारत दिखी कि प्रधानमंत्री मोदी को कमतर दिखाया जाए जबकि योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का बड़ा चेहरा. जैसे ही पोस्टर लोगों की नजरों में आया सरकार सक्रिय हो गई. हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.
उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के नाम से संगठन चलाने वाले अमित जानी पहले ही विवादों में रहे हैं. हालांकि बीजेपी से उनका कोई सीधा वास्ता नहीं है, लेकिन पहले भी मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में उनका नाम उछला था. अमित जानी ने बकायदा एक वीडियो जारी कर इस पोस्टर को सही ठहराने की कोशिश की है.
अपने वीडियो में अमित जानी कह रहा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी हिंदुत्व के रथ पर सवार होकर आए थे, लेकिन उन्होंने हिंदुओं की चिंता नहीं की. जबकि योगी आदित्यनाथ लगातार हिंदुओं की की बात कर रहे हैं और अगर इन 5 राज्यों में योगी आदित्यनाथ ने प्रचार नहीं किया होता, तो आज बीजेपी की हालात बेहद खराब होती.