
मर्डर के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार जो मर्डर हुआ वो किसी और ने नहीं बल्कि एक मां ने अपने बेटे का किया. मर्डर की यह घटना किसी आम परिवार में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के घर घटी. मर्डर के बाद मां ने अपना गुनाह छुपाने की हर संभव कोशिश भी की.
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के छोटे बेटे अभिजीत यादव की हत्या का मामला अब खुलता जा रहा है. शुरुआत में परिजनों ने इसे सामान्य मौत बताया था, लेकिन शव के अंतिम संस्कार को लेकर जिस तरह से हड़बड़ी की गई उसे देखकर पुलिस को शक हुआ और उसने लाश का पोस्टमार्ट्म कराया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ कि अभिजीत की मौत स्वाभाविक नहीं थी बल्कि उसकी हत्या की गई थी. उसकी मौत गला घोंटने से हुई थी. साथ ही उसके सिर पर चोट के कई निशान भी थे.
मां ने क्यों किया कत्ल?
रिपोर्ट आने के बाद पुलिस की ओर से की गई पूछताछ के बाद मां मीरा यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. अभिजीत के बड़े भाई अभिषेक की तरफ से मां मीरा पर धारा 302 का एफआईआर भी दर्ज कराया गया. मां का कहना है कि बेटे अभिजीत ने पहले उसे मारने की कोशिश की.
सूत्रों की मानें तो मीरा ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है. अभिजीत की मां मीरा ने पुलिस हिरासत में कबूला है कि उसने ही अपने बेटे की हत्या गला दबाकर की. उनका कहना है कि अभिजीत नशे में था, वह उनसे बदतमीजी कर रहा था और उसने उन्हें मारने की भी कोशिश की.
पुलिस की ओर से 9 घंटे की गई पूछताछ में मीरा यादव ने सफाई देते हुए बताया कि झगड़े के दौरान अपना बचाव करते समय उन्होंने पीछे से उसके सिर पर वार किया. फिर छीना-छपटी के दौरान पलटवार करते हुए चुन्नी से अभिजीत का गला घोंट दिया. अभिजीत को मारने के बाद उसने अपनी चुन्नी जला दिया. कहा जा रहा है कि अभिजीत शराब का आदी था. वह अक्सर घर पर गाली-गलौज और मारपीट किया करता था.
कौन हैं मीरा यादव?
मीरा यादव विधानपरिषद के सभापति रमेश यादव की दूसरी पत्नी हैं, जबकि उनकी पहली पत्नी यूपी के एटा में परिवार के साथ ही रहती हैं. जिस फ्लैट में ये घटना हुई है वह रमेश यादव का ही है. यहां मीरा यादव, अभिषेक यादव (बड़ा बेटा) और अभिजीत यादव रहते थे. पुलिस अभी भी इस बात की जांच में जुटी है कि क्या हत्या के वक्त फ्लैट में कोई और भी मौजूद था या नहीं.
इस हत्या के बारे में बात करते हुए एसपी ईस्ट सर्वेश मिश्रा ने कहा कि हमें 21 अक्टूबर को अभिजीत यादव का शव दारूल शफा से बरामद हुआ, पहले तो परिवार ने इस प्राकृतिक मौत बताया लेकिन हमें शक हुआ. पोस्टमार्टम के बाद ये साफ हुआ कि ये मौत नहीं हत्या है और गला दबा कर ही हत्या की गई है.
आपको बता दें कि इस मामले के बारे में अभिजीत के बड़े भाई अभिषेक ने ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. अभिषेक ने ही अपनी मां के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है.
परिजनों का स्वाभाविक मौत का दावा!
जब तक अभिजीत की हत्या की बात सामने नहीं आई थी, तब तक परिवार इसे सामान्य मृत्यु ही बता रहा था. परिवार के बयान के मुताबिक, रविवार सुबह अभिजीत अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़ा मिला था.
परिजनों का कहना था कि अभिजीत शनिवार रात करीब 11 बजे घर आया था. तब उसने सीने में दर्द की जानकारी मां को दी थी. मां ने सीने में मालिश कर उसे सुला दिया. सुबह जब काफी देर तक अभिजीत नहीं उठा तो मां उसे उठाने पहुंची. शरीर में कोई हरकत न होती देख भाई को भी बुलाया. भाई ने विवेक की नब्ज जांची तो पता चला उसकी मौत हो चुकी थी.