
लखनऊ यूनिवर्सिटी के बीकॉम थर्ड ईयर के स्टूडेंट हाल में तब हैरान रह गए, जब उनके प्रश्नपत्र में ज्यादातर सवाल केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में पूछे गए. स्टूडेंट ने देखा कि पेपर के 10 अनिवार्य सवाल में 7 केंद्र सरकार की योजनाओं में से थे. सिलेबस से बाहर से आने वाले ऐसे सवालों को लेकर कई छात्रों ने नाराजगी जताई.
इनमें स्टूडेंट से पूछा गया था कि वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डिजिटल इंडिया, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, स्टार्ट-अप इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और प्रधानमंत्री जन-धन योजना की जानकारी दें.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, यह वाकया पिछले हफ्ते का है, जब थर्ड ईयर के स्टूडेंट 'इंडियन इकोनॉमिक स्ट्रक्चर' का पेपर देने गए थे. इसके अलावा छात्रों से यह भी पूछा गया था कि वे मौसमी बेरोजगारी, इंडस्ट्रियल सिकनेस की वजह और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (MNREGA) को परिभाषित करें. इस एग्जाम में यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कॉलेजों के करीब 8,000 स्टूडेंट शामिल हुए.
पेपर में 15 नंबर का एक सवाल था-रोजगार अवसरों को विकसित करने के बारे में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दें. इसी तरह एक सवाल यह था कि-केंद्र सरकार की मौजूदा औद्योगिक नीतियों की मुख्य विशेषताओं की चर्चा करें.
कई छात्रों ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि अनिवार्य सवाल पाठ्यक्रम से बाहर के थे जो कि इसके पहले कभी नहीं देखा गया. पहला अनिवार्य सवाल 40 नंबर का होता है और इसमें सिलेबस से जुड़े कई उप सवाल पूछे जाते हैं. लेकिन इस बार इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े सामयिक मसलों के सवाल किए गए.
एक स्टूडेंट ने कहा कि पिछले साल भी मनरेगा, जनधन योजना, स्टार्ट-अप इंडिया से जुड़े कुछ सवाल आए थे, लेकिन इस साल तो हद ही हो गई. यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मसले का बेवजह राजनीतिकरण किया जा रहा है और पहले भी ऐसे सवाल आते रहे हैं. स्टूडेंट के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को जानना महत्वपूर्ण होता है.