
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के 'दीपोत्सव' को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अयोध्या में दीपोत्सव को राज्य मेला का दर्जा प्रदान कर दिया गया. इसके अतिरिक्त 12 अन्य प्रस्तावों को भी बैठक में मंजूरी दी गई. सरकारी धन का दुरुपयोग न होने पाए, इसके लिए अयोध्या दीपोत्सव मेले में झांकी सहित सभी कार्यक्रमों का ऑडिट किया जाएगा.
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया, 'बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य सेप्टिक नीति प्रबंधन का प्रस्ताव पास किया गया है. इसके तहत सफाई कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित सभी कदम उठाए जाएंगे. उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. प्रदेश में 652 नगर निकायों में लगभग पांच करोड़ की आबादी है. इन निकायों के भीतर 5560 एमएलडी में से अभी तक अपशिष्ट जल प्रबंधन की 3300 एमएलडी क्षमता है, अब 1280 एमएलडी की क्षमता विकसित की जा रही है. साल 2021 तक प्रदेश के सभी निकाय इससे जोड़े जाएंगे और 2023 तक इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा.'
सातवें वेतनमान को मंजूरी
प्रवक्ता ने कहा, केंद्र, राज्य, निकाय और सीएसआर से फंड की व्यवस्था की जाएगी. 2023 के बाद इसके रख-रखाव की व्यवस्था का खर्च उपभोक्ता पर सरचार्ज लगाकर निकाला जाएगा. जिनके घरों में सेप्टिक टैंक बने हैं, उन्हें पांच वर्ष में 2500 रुपये या हर साल 500 रुपये का शुल्क देना होगा.
इसके साथ ही सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान को मंजूरी दी गई है, जिस पर कुल 47.14 करोड़ रुपये खर्च आएगा. एकेटीयू, मदनमोहन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और एचबीटीआई को इसका लाभ मिलेगा.