
डायरेक्टर मधुर भंडारकर की 1975 में इमरजेंसी के बैकड्रॉप पर बनीं फिल्म 'इंदू सरकार' रिलीज से पहले ही विवादों में बनी हुई है. आज फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया जिस वजह से कॉन्फ्रेंस टली.
बता दें कि फिल्म की प्रमोशन के लिए पूरी स्टारकास्ट पुणे पहुंची थी लेकिन स्टारकास्ट के वहां पहुंचने से पहले ही कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता वहां पहुंच गए. वह मधुर भंडारकर से मिलने की बात करने लगे जिसके बाद सुरक्षा कारणों से प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाल दिया गया.
मोदी का सपोर्टर होता तो मेरी फिल्म में 17 कट नहीं लगते: मधुर भंडारकर
पहले फिल्म की टीम जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली थी कांग्रेस के कार्यकर्ता उस जगह प्रदर्शन करने पहुंचे लेकिन जब फिल्म की टीम वहां नहीं आई तो कार्यकर्ता पुणे के होटल ग्राउंड प्लाजा पहुंचे. यहां पर फिल्म के कलाकार और निर्देशक मौजूद थे. होटल की लॉबी में कांग्रेस कार्यकर्ता मधुर भंडारकर का इंतजार करने लगे जिस वजह से आनन फानन में पुणे पुलिस मौके पर पहुंची.
मधुर भंडारकर ने प्रिया सिंह पॉल से मांगा संजय गांधी की बेटी होने का सबूत
गौरतलब है कि फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही फिल्म को देशभर में काफी विरोध झेलना पड़ रहा है. ये विरोध इतना ज्यादा है कि लीगल नोटिस से लेकर, पुतला फूंकने तक मधुर भंडारकर को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
संजय गांधी की 'बेटी' ने 'इंदु सरकार' पर उठाए सवाल, कहा झूठी है फिल्म
मधुर पर ये भी आरोप लगाया गया है कि वो मोदी के समर्थक हैं इसलिए विपक्ष को जवाब देने के मकसद से फिल्म को बीजेपी का समर्थन मिल रहा है. मधुर ने इस बात को खारिज करते हुए बताया- 'अगर ऐसा होता तो मेरी फिल्म में 17 कट्स नहीं लगाए जा रहे होते. मुझे सेंसर बोर्ड आसानी से सर्टीफिकेट दे देती. मुझे 'आरएसस', 'कम्यूनिस्ट', 'किशोर कुमार', 'अकाली' और 'जेपी नरायण' जैसे शब्द हटाने को बोला गया है. लोगों ने सिर्फ ट्रेलर देखकर ही बवाल कर दिया है.' फिल्म 28 जुलाई को रिलीज होगी.