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MP: नाराज लोगों ने घरों के बाहर लगाए पोस्टर- सामान्य वर्ग से हूं, वोट ना मांगें

लोगों ने घरों के बाहर पोस्टर लगाएं हैं कि नेता वोट मांगने सामान्य वर्ग के लोगों के घर ना आएं. भरत नगर में घरों के बाहर लगे पोस्टरों पर लिखा है कि 'मैं सामान्य वर्ग से हूं, कोई भी राजनैतिक दल वोट मांगकर शर्मिंदा ना करे'.

लोगों के घरों के बाहर लगे पोस्टर (तस्वीर: रवीश पाल सिंह) लोगों के घरों के बाहर लगे पोस्टर (तस्वीर: रवीश पाल सिंह)
परमीता शर्मा/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 14 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

मध्य प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट और प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ लोगों का गुस्सा राजधानी भोपाल में भी देखने को मिल रहा है. रविवार को भोपाल के भरत नगर में लोगों ने घरों के बाहर पोस्टर लगाएं हैं कि नेता वोट मांगने सामान्य वर्ग के लोगों के घर ना आएं.

भरत नगर में घरों के बाहर लगे पोस्टरों पर लिखा है कि 'मैं सामान्य वर्ग से हूं, कोई भी राजनैतिक दल वोट मांगकर शर्मिंदा ना करे'. इसके साथ ही पोस्टर में सबसे आखिर में लाल रंग से लिखा है 'VOTE FOR NOTA'  

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बता दें कि इससे पहले भी बीते 6 सितंबर को मध्य प्रदेश समेत देश भर में सवर्ण आंदोलन हुआ था और 30 सितंबर को राजधानी भोपाल के कलियासोत इलाके में सवर्णों की एक बड़ी सभा भी हुई थी. इसके बाद सामान्य, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण समाज (सपाक्स) ने आंदोलन से आगे बढ़ते हुए राजनीतिक पार्टी भी लॉन्च कर दी थी. इसके बाद अब घरों के बाहर लगे पोस्टरों ने राजनीतिक दलों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.

आरक्षण को लेकर गुस्सा

जब 'आजतक' की टीम भोपाल के भरत नगर इलाके में पहुंची और स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि जातिगत आधार पर आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं. इलाके में रहने वाले एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उन्होंने अपने घर पर ये पोस्टर इसलिए लगाए क्योंकि वो खुद पीड़ित हैं और उनके दफ्तर में उनसे बाद में आया कर्मचारी आज उनसे ऊपर के पद पर काम कर रहा है.

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मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव है जब लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और जाहिर है इस बार सवर्ण आंदोलन की आग राजनैतिक दलों को झुलसाने का काम जरूर कर सकती है.

बता दें कि हाल ही में पंचायत आजतक के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया था कि क्या मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कहीं एंटी इनकंबेंसी नजर नहीं आ रही. शिवराज सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने कांग्रेस की शीर्ष पर फैसले करने की परंपरा को खत्म करने हुए गांव और शहर के स्तर पर फैसला करने की परंपरा की नींव रखी.

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