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कमलनाथ सरकार का फैसला, MP में अब 12 दिसम्बर 2018 तक के कर्ज होंगे माफ

इस योजना में अब 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले करीब 55 लाख किसान लाभान्वित होंगे. पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को इसमें शामिल किया गया था, जिसका भाजपा एवं किसानों ने विरोध किया था. कैबिनेट बैठक के बाद मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में शनिवार मंत्रिपरिषद की बैठक हुई.

फोटो- पीटीआई फोटो- पीटीआई
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:41 PM IST

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना’ के तहत किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफ करने के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दे दी है. योजना में अब 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले करीब 55 लाख किसान लाभान्वित होंगे. पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को इसमें शामिल किया गया था, जिसका भाजपा एवं किसानों ने विरोध किया था.

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कैबिनेट बैठक के बाद मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया, ‘‘मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का निर्णय लिया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना में पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले किसानों को भी इस दायरे में लाया गया है और वे भी इससे लाभांवित होंगे.’’उन्होंने बताया कि किसानों को 22 फरवरी 2019 से ऋणमुक्ति प्रमाण-पत्र और किसान सम्मान-पत्र दिये जायेंगे.

लाभार्थियों का ब्योरा

पटवारी ने बताया कि एक अप्रैल 2007 को अथवा उसके बाद ऋण प्रदाता संस्था से लिये गये फसल ऋण को इसमें शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि योजना में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम दो लाख की सीमा तक योजना पात्रतानुसार लाभ देने का निर्णय लिया गया. पटवारी ने बताया, ‘‘इस योजना में लगभग 55 लाख कृषकों को लाभ मिलेगा. इसमें लघु और सीमांत 35 लाख कृषकों को प्राथमिकता से ऋण माफी का लाभ मिलेगा.’’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकासखंड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत योजना के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार होंगे.

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सूची के प्रकाशन के बाद आधार कार्ड किसानों से हरे रंग के आवेदन-पत्र तथा गैर आधार कार्ड किसानों से सफेद रंग के आवेदन-पत्र ग्राम पंचायत में सूची चस्पा होने के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय में ऑफ लाइन प्राप्त किये जायेंगे. दोनों सूची में शामिल नहीं होने वाले किसान गुलाबी रंग के आवेदन-पत्र में आवेदन कर सकेंगे. तीनों किस्म के आवेदन-पत्र की जानकारी 26 जनवरी 2019 को ग्राम सभा की बैठक में दी जायेगी.

इसी बीच, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘किसान कर्जमाफी के लिए 31 मार्च 2018 तक की समयसीमा बढ़ाकर 12 दिसंबर, 2018 किया जाना हमारे संघर्षों की और किसान भाइयों की जीत है। अब मेरी मांग है कि सरकार पूरे प्रदेश में जहाँ-जहाँ पाला गिरने से फ़सलों का नुक़सान हुआ है उस की भरपाई के लिए भी तुरंत कार्रवाई करे.’’   

कैबिनेट ने दूसरे फैसले में मध्य प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ के तहत अब 51,000 रुपये दिए जाएंगे. पहले यह राशि 28,000 रुपये थी. कैबिनेट ने शनिवार को इसको बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. कैबिनेट बैठक के बाद मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद की बैठक हुईं. इसमें मंत्रीपरिषद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत दी जाने वाली राशि को 28,000 रुपये से बढाकर 51,000 रुपये करने का निर्णय लिया है. ’’

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उन्होंने कहा कि इस राशि में से सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन के लिये अधिकृत निकायों को 3,000 रुपये प्रति कन्या के मान से और शेष राशि 48,000 कन्या के बचत बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी. पटवारी ने बताया कि आदिवासी अंचलों में जनजातियों में प्रचलित विवाह प्रथा के तहत होने वाले एकल या सामूहिक विवाह को भी कन्या विवाह सहायता की राशि दी जाएगी.

(भाषा से इनपुट)

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