
मध्यप्रदेश के मंडला जिले के कलेक्टर का एक फेसबुक पोस्ट विवादों में घिर गया है. उनके फेसबुक पोस्ट पर विवाद इतना बढ़ गया कि उन्हें अपनी पोस्ट को डिलीट करना पड़ा. दरअसल, मंडला कलेक्टर जगदीश जटिया ने कुछ दिन पहले फेसबुक पर दीपिका पादुकोण की फ़िल्म 'छपाक' का समर्थन करते हुए एक पोस्ट डाला था.
कलेक्टर ने फेसबुक पर फिल्म छपाक का पोस्टर अपलोड करते हुए लिखा था कि 'तुम चाहे जितनी घृणा करो, हम देखेंगे छपाक'. कलेक्टर की पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी. प्रतिक्रिया देने वालों में से एक प्रियांश राकेश साहू ने उनकी पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा कि 'जेएनयू के लोग जो CAA और एनआरसी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं और कुछ अभिनेता उनका समर्थन कर रहे हैं क्या ये सही है? इसमें जो मारपीट हुई उसकी जांच सही तरीके से होना चाहिए क्योंकि इसमें ABVP के कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं, लेकिन उनका कोई सपोर्ट नहीं कर रहा है'.
इसका जवाब देते हुए कलेक्टर जगदीश जटिया ने लिखा, 'मुझे अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है. मैं खुद CAA/NRC को सपोर्ट नहीं करता. मारपीट भी टीवी पर देखी ही है'. इसी कमेंट के बाद कलेक्टर जगदीश जटिया सुर्खियों में आ गए. पोस्ट वायरल होने के बाद इसपर विवाद बढ़ना शुरू हुआ तो कलेक्टर ने अपनी पोस्ट डिलीट कर लिया. जब पत्रकारों ने उनसे उनकी फेसबुक पोस्ट के बारे में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि 'मैंने सोशल मीडिया पर इसलिए लिखा था क्योंकि मेरी फिल्म देखने की इच्छा थी. एसिड सर्वाइवर किस तरीके से सरवाइव कर रहे हैं, उनकी जिंदगी को किस तरीके से फिल्माया गया, यह देखने की इच्छा थी. इसके अलावा कोई विशेष बात नहीं थी. सरकार ने उसे टैक्स फ्री किया है इसलिए मैं उसको देखना चाहूंगा. एसिड सर्वाइवर किस तरीके से जी रहे हैं यह देखना चाहता था. लखनऊ में मैं एसिड सर्वाइवर के कैफे पर भी गया हूं. उन्हें मैंने देखा है. इसीलिए उस फिल्म को देखने की इच्छा थी'.
इसके बाद पत्रकारों ने जब कलेक्टर से CAA/NRC पर उनके किए गए कमेंट के बारे में बात की तो उन्होंने कहा, 'मुझे CAA/NRC के बारे में कोई जानकारी नहीं है.'
बीजेपी को पोस्ट से आपत्ति
कलेक्टर की पोस्ट पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है. मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता ने मंडला कलेक्टर की पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'यह मंडला के कलेक्टर जगदीश जटिया हैं, इसकी हिम्मत देखो... यह संविधान से ऊपर हो गये है? जिस कानून को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है, यह उसका विरोध कर रहे है. किसकी शह पर?? कमलनाथ जी बताएं, क्या यह लोक सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन नहीं है'