
पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच चली आ रही तनातनी आखिरकार समाप्त हो गयी. जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके घर पर मुलाकात की. इस दौरान सीएम शिवराज ने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि उनकी प्रमुख मांगों को पूरा किया जाएगा.
सीएम चौहान के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में बॉण्ड पर काम करने वाले जूनियर डॉक्टर को वही वेतन दिया जाएगा जो रेगुलर डॉक्टर को दिया जाता है. इसके अलावा जिन मांगों पर सरकार ने सहमति दी है उसमें मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल सुविधा देना. पीजी स्टूडेंट्स और सीनियर रेजीडेंट के लिये इंदौर, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, रीवा और सागर में 100-100 कमरों का हॉस्टल बनाया जाएगा.
इसके अलावा मेडिकल स्टूडेंट के बीमार होने पर उसके इलाज का खर्चा सरकार देगी. सरकार के मुताबिक सीनियर रेजीडेंट की राशि 49 हजार रुपए से बढ़ाकर 65 हजार, जूनियर रेजीडेंट की राशि 36 हजार से बढ़ाकर 45 हजार और इंटर्न की राशि 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है.
सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि वो भविष्य में हड़ताल नहीं करेंगे. आपको बता दें कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए मध्य प्रदेश के 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज के करीब 1200 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त असर पड़ा था.
सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर एस्मा भी लगाया था. हालांकि इसका खास असर नहीं हुआ और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखी थी. इसके बाद हड़ताल का नेतृत्व करने वाले 20 जूनियर डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया था. बाद में शासन और जूनियर डॉक्टरों की कई चरणों की बातचीत के बाद हड़ताल समाप्त हो गयी थी.