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सिंधिया ने कमलनाथ को फंसाया, एमपी में अब कैसे बचेगी कांग्रेस की सरकार?

नाराज सिंधिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इसके बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इस बड़े सियासी ड्रामे के बीच कमलनाथ की होली का रंग भंग हो गया है और सिंधिया के इस फैसले से कमलनाथ सरकार भी जाती दिखाई दे रही है.

एमपी में गिर सकती है कमलनाथ सरकार एमपी में गिर सकती है कमलनाथ सरकार
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 10 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

  • कमलनाथ सरकार पर भारी पड़ रहे सिंधिया
  • बीजेपी के पाले में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय

मध्य प्रदेश का सियासी गेम ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरी तरह अपने पाले में ले लिया है. नाराज सिंधिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इसके बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इस बड़े सियासी ड्रामे के बीच कमलनाथ की होली का रंग भंग हो गया है और सिंधिया के इस फैसले से कमलनाथ सरकार भी जाती दिखाई दे रही है.

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मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. दो विधायकों का निधन हो गया है, जिसके चलते विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. इस लिहाज से जादुई आकंड़ा 115 है. अब तक की तस्वीर के मुताबिक, कांग्रेस के 114 विधायक हैं और 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन उसके साथ है. यानी मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है. जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं.

लेकिन बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में है, जो कांग्रेस छोड़ चुके हैं. फिलहाल, 17-24 विधायक ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्होंने कांग्रेस से बगावत कर ली है. इनमें ज्यादातर विधायक सिंधिया खेमे के हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और उनके फोन भी स्विच ऑफ हैं.

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि 20 विधायक इस्तीफा दे सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के पास महज 101 विधायकों का समर्थन रह जाएगा. जबकि सरकार चलाने के लिए जादुई आंकड़ा 104 हो जाएगा. ऐसे में बीजेपी 107 विधायकों के साथ आसानी से सरकार बना पाएगी.

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कमलनाथ का बीजेपी पर हमला

इस पूरे घटनाक्रम के बीच सोमवार शाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी माफिया के सहयोग से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. कमलनाथ ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा है, "मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है. मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था और वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है."

कमल नाथ ने आगे कहा, "सौदेबाजी की राजनीति मध्य प्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है. 15 साल में बीजेपी के राज में हर क्षेत्र में माफिया समानांतर सरकार बन गए थे. प्रदेश की जनता त्रस्त थी और उसने माफियाओं से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता सौंपी. मैंने जनता की अपेक्षा पर माफिया के खिलाफ अभियान चलाया. भारतीय जनता पार्टी अब माफिया के सहयोग से कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है."

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