
एससी-एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में फौरन गिरफ्तारी नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां पूरे देश से अराजक प्रदर्शन की खबरें आईं तो वहीं इस प्रदर्शन में राजनीतिक स्वार्थ भी देखने को मिला. हिंसा से बिगड़े हालात के बाद जिस वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे थे ठीक उसी वक्त बीजेपी के विधायक सडक़ पर प्रदर्शनकारियों के साथ हंगामा कर रहे थे.
विधायक ने दुकानदारों को धमकाकर जबरन दुकानें बंद करवाई और इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बन कर तमाशा देखते रहे . एक दुकानदार को दुकान बंद न करने पर विधायक थप्पड़ मारते भी देखे गए. इसका वीडियो वायरल हो गया.
मध्य प्रदेश की आगर मालवा विधानसभा से विधायक गोपाल परमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की न सिर्फ खुलकर मुखालफत की, बल्कि भारत बंद के दौरान समर्थकों के साथ सडक़ पर आकर हंगामा काटा. इस बार वह भगवा झंडों की जगह नीले झंडों के साए में थे. पोशाक भी दलितों को रिझाने के लिए नीली ही पहनी थी और तेवर दलितों का मसीहा साबित करने के लिए किसी भी हद तक जाने वाले थे.
यहां गोपाल परमार केवल भीड़ का नेतृत्व ही नहीं कर रहे थे, बल्कि दुकानों को बंद कराने के लिए दुकानदारों को धमकाते दिखे. विधायक दुकानें बंद करा रहे थे, खुद शटर गिरा रहे थे और बंद की खिलाफत करने वालों को धमका रहे थे. विधायक के आगे पुलिस के अफसर और जवान बेबस देखे गए. इस बीच वीडियों में विधायक थप्पड़ जड़ते भी दिख रहे हैं.
वायरल वीडियो में भाजपा विधायक परमार एक जनरल स्टोर संचालक पति पत्नी को किस तरह धमका रहे हैं . दुकानदार के विरोध करने पर विधायक ने खुद अपने हाथों से शटर बन्द कर दिया , ये जानते हुए भी की दुकान के अंदर एक महिला और एक बच्चा भी है . व्यापारी घटना से आहत हो कर फिर दोबारा शटर खोल देता है. विधायक दोबारा लौटते हैं और फिर धमकाते दिखते हैं. दुकानदार की पत्नी अपने रोते हुए बच्चे को गोद मे उठाये हुए बार बार विधायक से चले जाने की विनती कर रही है, लेकिन सत्ता के नशे में विधायक बन्द कराने की जिद पर दिखते हैं.
विधायक के आसपास पुलिस के अधिकारी और जवान सब कुछ देख रहे हैं, लेकिन उनकी हिम्मत विधायक को रोकने की नहीं होती है. ये सार घटनाक्रम जिला मुख्यालय पर कलेक्टर के कार्यालय से महज सौ मीटर की दूरी पर हुआ , पुलिस थाना कोतवाली भी सौ मीटर की दूरी पर ही है. पूरे जलूस में विधायक का जनता के साथ यही बर्ताव रहा.
पुलिस बोली, शिकायत मिले तो करें कार्रवाई दुकानदारों को धमकाकर जबरन बंद कराने के दौरान विधायक के साथ अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप पटेल मौजूद थे. वे वीडियो में भी दिख रहे हैं. लेकिन कार्रवाई की बात पर प्रदीप पटेल कहते हैं, बंद अनुसूचित जाति जनजाति एकता संगठन द्वारा बंद करवाया गया था . कुछ स्थानों पर जबरन बन्द करवाने की शिकायत प्राप्त हुई थी , जबरन बन्द करवाने की कोशिश हुई है , यद्यपि इसमें अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही करेंगे. भाजपा के विधायक का शामिल होना उसमें ज्ञात हुआ है, लेकिन कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है. जैसे ही कोई फरियादी कोई बात कहता है तो निश्चित तौर पर कार्यवाही करेंगे .
उधर विधायक का कहना था कि वे एससी विधायक हैं और समाज के साथ खड़ा रहना उनकी मजबूरीहै. हमारे लोगों ने बन्द का आह्वान किया था, कुछ षडयंत्रकारी लोगों ने यह प्रयास किया कि उन्हें समाज से काट दिया जाए. विधायक की सफाई थी कि जुलूस में कुछ अराजक तत्व शामिल हो गए थे. तो उन्होंने दुकानदारों को नुक्सान से बचाने के लिए दुकानें बंद करवाईं. उन्होंने कहा कि व्यवस्था बिगड़ने से बचाने के लिए उन्होंने दुकानदार से दुकान बंद करने का आग्रह किया था.
वैसे विधायक गोपाल परमार हले भी विवादों के रहते आए हैं . आरक्षण को लेकर मोहन भागवत के बयान पर 19 मार्च 2017 को हुए विरोध प्रर्दर्शनों में भी खुल कर मैदान में आए थे.
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