
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच अब बीजेपी विधायकों को अपनी जान का खतरा सता रहा है. मध्य प्रदेश बीजेपी के दो विधायकों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने बदले की कार्रवाई करते हुए उनके सालों पुराने सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया है जिससे वो अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.
वहीं बीजेपी ने अपने विधायकों के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल के सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाने की मांग कर डाली है, हालांकि सरकार ने पीएसओ बदलने को एक रूटीन प्रक्रिया बताया है. दरअसल, मध्य प्रदेश में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कई दिनों से चल रहे इस सियासी ड्रामे के बीच अब बीजेपी के दो विधायकों विश्वास सारंग और संजय पाठक को अपनी हत्या का डर सता रहा है.
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भोपाल की नरेला विधानसभा से बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि सरकार ने हमारे पीएसओ बदल दिए हैं. सारंग ने कहा कि कांग्रेस पहले हम पर इल्जाम लगाती है कि हम सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं और विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं और फिर इसके बाद इसके बाद हमारे पीएसओ को बदल देते हैं.उन्होंने कहा कि सादी वर्दी में मेरे घर के पास पुलिसकर्मी घूमते हैं जो मेरी मूवमेंट बता रहे हैं.
विश्वास सारंग ने बताया कि सरकार के इस कदम के विरोध में उन्होने नए पीएसओ लेने से इनकार कर दिया है और फिलहाल बिना सुरक्षाकर्मियों के ही वो चल रहे हैं. वहीं बीजेपी विधायक संजय पाठक ने वीडियो जारी कर कहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए उनकी हत्या की जा सकती है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा है कि उनके साथ जो कुछ घटित हो रहा है वो प्रदेश की जनता देख रही है. हो सकता है कि राजनीतिक लाभ के लिए मेरी हत्या भी हो सकती है.
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बता दें कि बीजेपी के ये दोनों विधायक शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं. जब पार्टी के दो बड़े नेता और पूर्व मंत्री रह चुके विधायको ने जान को खतरा बताया तो बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने भी केंद्रीय गृहमंत्री से मांग की है कि वो मध्यप्रदेश के बीजेपी नेताओं को अब केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि मध्य प्रदेश पुलिस पर तो उन्हें भरोसा है लेकिन सरकार पर उन्हें भरोसा नहीं है.
सरकार ने बताया रूटीन प्रकिया
सुरक्षाकर्मियों को बदलने और विधायकों के जरिए हत्या की आशंका जताए जाने पर सरकार ने उन्हें सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है. कमलनाथ सरकार के गृह मंत्री बाला बच्चन ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि पीएसओ बदलना एक रूटीन प्रक्रिया बताया है. हम बीजेपी विधायकों को आश्वस्त करना चाहेंगे की उनकी सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी क्योंकि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा भी सरकार की जिम्मेदारी है और अगर उनके साथ कुछ होता है कि सरकार पर भी सवाल खड़े होते हैं.
राज्यपाल से की मुलाकात
सियासी गहमाहमी के बीच बीजेपी विधायकों की सुरक्षा का मुद्दा आने वाले समय में और गरमा सकता है क्योंकि बीजेपी ने अब इसकी शिकायत राज्यपाल से भी कर दी है. बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपा है कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, बीजेपी के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक द्वेष के तहत कार्रवाई की जा रही है. बीजेपी विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया. सरकार विधायकों पर दबाव बनाने के लिए उनमें असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है.